Remdesivir की जगह लगाया पानी का इंजेक्शन, महिला की मौत, अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू

कोटा के एक अस्पताल में मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जगह पानी का इंजेक्शन लगा दिया गया। इसके चलते मरीज की मौत हो गई।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update:2021-05-21 17:54 IST

कॉन्सेप्ट इमेज (Photo-Social Media)

कोटा: भारत में कोरोना (Coronavirus) कहर बरपा रहा है। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान एक तरफ पूरा देश मरीजों के लिए काम कर रहा है, वहीं कुछ लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोटा के एक अस्पताल में मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जगह पानी का इंजेक्शन लगा दिया गया। इसके चलते एक मरीज की मौत हो गई।

आरोप है कि कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल से कोरोना मरीजों को लगने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन चुराकर उन्हें ग्लूकोज को चढ़ा दिया जाता था। इस मामले में जवाहर नगर थाना पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक और दो नर्सेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनमें मृतका मरीज माया के बेटे पुनीत रोहिड़ा ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए एक परिवाद दिया था, जिस पर जवाहर नगर थाना पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

मृतक महिला के घर वालों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन और दो नर्सिंग कर्मचारी जिन्होंने इंजेक्शन बेचा था और उनके अलावा इलाज में जुटे डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। वहीं मृतका महिला के बेटे का कहना है कि उसकी मां की हत्या अस्पताल में की गई है और दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए।

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करवा लिया है। रिपोर्ट की मानें तो, मृतक महिला के बेटे पुनीत का कहना है कि उनकी मां के इलाज के लिए जो भी दवा डॉक्टरों ने लिखी थी वो लेकर आए थे, लेकिन नर्सिंग कर्मियों ने उन्हें दवाई नहीं लगाई है। इलाज के दौरान उनकी मां की मौत हो गई। इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया है साथ ही जांच की जा रही है।

अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू

इसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ी गयी है। वहीं दूसरी ओर जवाहर नगर थाना पुलिस का कहना है कि जानकारी में आया है कि जो दवाइयां मृतक महिला माया के परिजनों ने लाकर दी थी, वह पूरी नहीं लगाई और उसको बेच दिया है। इस संबंध में पहले भी महावीर नगर थाने में कार्रवाई जारी है। पुलिस ने कहा कि अस्पताल के खिलाफ पूरी जांच की जाएगी।

क्या है पूरा मामला ??

दरअसल, कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल में भर्ती महिला मरीज माया और एक अन्य मरीज रतनलाल के इंजेक्शन वहां कार्यरत नर्सिंग कर्मी मनोज कुमार रेगर ने चुरा लिए थे और उन्हें ग्लूकोस के इंजेक्शन चढ़ा दिए। साथ ही, इन इंजेक्शन की कालाबाजारी कर बेचने की फिराक में मनोज कुमार व उसका भाई राकेश घूम रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ महावीर नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।

वहीं इसके बाद जब मामले की पड़ताल आगे बढ़ाई तब सामने आया कि मृतका मरीज माया की उपचार के दौरान मौत हो गई है और दूसरा मरीज रतनलाल अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती है। उसका आईसीयू में इलाज जारी है। मृतका के बेटे पुनीत रोहिड़ा का कहना है कि उसकी मां माया की मौत 14 तारीख को हो गई। वहीं, उसका भाई भी गंभीर रूप से एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती है। जहां पर उसकी भी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, क्योंकि मां की मौत की खबर से वह सदमें में चला गया है।

रोहिड़ा का कहना है कि मेरी मां डायबिटीज से पीड़ित थी और डॉक्टरों को इसकी जानकारी होने के बावजूद भी नर्सिंग स्टाफ ने वहां पर उन्हें ग्लूकोज के इंजेक्शन दे दिए। इसी के चलते उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी और मौत हो गयी। 

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