Lucknow: दलित डिलीवरी बॉय मामले की क्या है सच्चाई, जानिए 18 जून को क्या हुआ था?
Dalit Delivery Boy Case: दलित डिलीवरी ब्वॉय से हुई मारपीट का मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। लेकिन जब आरोपियों का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने जो बातें बताई वह उससे उलट हैं।
Lucknow: दलित डिलीवरी बॉय (dalit delivery boy) का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। दलित युवक के मुताबिक उसके द्वारा लाया गया ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया। उसे जातिसूचक शब्द कहा गया, मारपीट की गई, उसके ऊपर थूका गया। उसे अपमानित करके भगाया गया, जिसकी शिकायत उन्होंने आशियाना थाने में दर्ज कराई है, लेकिन वहीं, आरोपी बनाए गए अजय, अभय के पिता ने दूसरी बातें बताई हैं। हमारा मकसद किसी का पक्ष लेना नहीं है। खबरों के माध्यम से दोनों पक्षों की बातों को अपने पाठकों के सामने रखना है। सच्चाई क्या है उसके तह तक जाने के लिए पुलिस जांच कर रही है, लेकिन उससे पहले आप भी जान लीजिए आरोपी के पिता ने क्या सफाई दी है।
आरोपी के पिता आदित्य प्रकाश की सफाई
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई इस घटना का जिक्र पूरे देश में हो रहा है। हर कोई उस परिवार को कोस रहा है जिसकी शिकायत दलित डिलीवरी ब्वॉय (dalit delivery boy) ने पुलिस थाने में की है, लेकिन newstrack.com ने डिलीवरी ब्वॉय की खबर चलाने के बाद जब आरोपियों का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने जो बातें बताई वह उससे उलट हैं। आरोपी के पिता आदित्य प्रकाश ने न्यूज़ ट्रैक से फोन पर बात करते हुए कहा कि यह घटना 18 जून की है। उनके बड़े बेटे अजय ने परिवार के लिए खाना ऑर्डर किया था। डिलीवरी ब्वॉय (delivery boy) खाना लेकर पहुंचा उस वक्त उनका दूसरा बेटा अभय आ गया। वह पान खाया हुआ था हमारे घर में पान खाकर आना मना है, जिस वजह से वह सामने थूक रहा था तब तक डिलीवरी ब्वॉय आ गया और पान की दो-चार छींटे उसकी बाइक पर पड़ गई, जिस पर वह भड़क गया।
बेटे ने उसके लिए माफी भी मांगी तब तक डिलीवरी ब्वॉय (delivery boy) उनके बड़े भाई अजय से उसकी शिकायत कर उल्टी-सीधी बातें कहने लगा तो अजय ने भी उसे समझाने की कोशिश की। जब वह नहीं माना तो आसपास के लोग भी वहां एकत्रित हो गए, सबने शांत कराने की कोशिश की। आरोपी के पिता आदित्य प्रकाश ने कहा उनकी ओर से मामला शांत कराने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह नहीं माना और 112 पर सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पूरे मामले की जानकारी ली, पड़ोस के लोगों से पूछताछ की और दोनों पक्षों को थाने चलने के लिए कहा। लेकिन वह थाने नहीं गया। दूसरे दिन 2-3 वकीलों को लेकर थाने पहुंचा और यह आरोप लगा दिए।
जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कभी नहीं किया, यह फंसाने की झूठी साजिश: आदित्य प्रकाश
आदित्य प्रकाश का कहना है कि वीकेंड पर उनके परिवार में अक्सर बाहर से खाना मंगाया जाता है। उस दिन भी खाने का ऑर्डर बड़े बेटे ने किया था और वह लेकर पहुंचा था उन्हें या नहीं मालूम था कि वह दलित है या किसी दूसरी जाति का क्योंकि जब ऑर्डर होता है तो वह रिसीव कर लिया जाता है उसमें जाति पूछने का कोई औचित्य नहीं होता। आदित्य प्रकाश ने यह भी कहा है कि उनका पेट्रोल पंप और गाड़ियों का काम है करीब 30 से 35 लोग काम करते हैं हर महीने वह सैलरी देते हैं, जिनमें से आधा दर्जन लोग दलित समुदाय के हैं। यहां तक उनके घर में काम करने वाली खाना बनाने वाली भी दलित समुदाय से हैं, जो उनके बच्चों की पूरी देखरेख करती हैं। उन्होंने छुआछूत या जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कभी नहीं किया। यह उन्हें फंसाने की झूठी साजिश है।
दलित डिलीवरी ब्वॉय ने 12 लोगों के खिलाफ कराया केस दर्ज
फिलहाल सच्चाई क्या है अब दलित डिलीवरी ब्वॉय ने अजय, अभय के साथ 12 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने इसकी जांच के लिए एक टीम भी गठित कर दी है. जो पूरे मामले की छानबीन कर सच्चाई का पता लगाएगी और अपना रिपोर्ट सौंपेगी तब तक सभी को इंतजार है कि इसके पीछे सच्चाई क्या है?