Meerut Crime News: गबन के आरोप में मेरठ कृषि विवि के सहायक कुलसचिव बर्खास्त

Meerut Crime News: कृषि विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव डीएस यादव पर हाईकोर्ट की फीस, हवाई यात्रा व अन्य मदों में 17 लाख रुपए के गबन का आरोप।

Written By :  Sushil Kumar
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-08-26 07:43 GMT

 सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय pic(social media)

Meerut Crime News: निलंबित चल रहे मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव डीएस यादव को कुलपति ने बर्खास्त कर दिया है। उन पर हाईकोर्ट की फीस व हवाई यात्रा व अन्य मदों में 17 लाख रुपए के गबन का आरोप था। कृषि विवि के कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने आज स्थानीय मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि डीएस यादव पर गबन का आरोप था। उन पर जो आरोप लगे थे, वह कमेटी की जांच में सही पाए गए। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। कुलपति के अनुसार इसकी सूचना राजभवन को भी दे दी गई है।

17 लाख के गबन का आरोप (concept image) pic(social media)

बता दें कि सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में देवेंद्र यादव लगभग 16 वर्ष पूर्व कानूनी ऑफिसर के पद पर तैनात हुए थे। इसके बाद 8 दिसंबर 2008 को उन्हें सहायक कुलसचिव बनाया गया था। देवेंद्र यादव पर हाईकोर्ट संबंधित व विवि के अन्य कार्यों की देखरेख की जिम्मेदारी थी। इसका भुगतान विवि के सरकारी खर्चे से किया जाता था। 2016 में देवेंद्र यादव पर आरोप लगा कि उन्होंने कृषि विवि के लगभग 18 लाख रुपए का दुरुपयोग किया। 2016 के तत्कालीन कुलपति ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था। तत्कालीन कुलपति ने सहायक कुलसचिव के खिलाफ दौराला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। सरकारी धन के गबन के मामले में सहायक कुलसचिव को जेल जाना पड़ा था। सहायक कुलसचिव ने जेल में रहते हुए ही गबन की गई धनराशि जमा की थी। इस मामले में कुलपति डा. आरके मित्तल ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट आने के आधार पर बुधवार शाम सहायक कुलसचिव को बर्खास्त कर दिया गया है। सहायक कुलसचिव की सभी सेवाएं बंद करने का आदेश जारी किया गया है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बीआर सिंह ने बताया कि विवि की हाईकोर्ट में जो तारीख लगती है उसकी कोर्ट में फीस जमा होती है। जिसका एडवांस लेकर सहायक कुलसचिव डीएस यादव जाते थे और कुछ दिन बाद रशीद लाकर दिखाते थे। ऐसा ही करते हुए वह लगभग 17 लाख रुपये ले चुके थे।

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