वही तारीख, वही समय, वही कमरा जहां पिता का हुआ देहांत, बेटी ने भी लगा ली फांसी

पिता की मौत के बाद एक बेटी को ऐसा सदमा लगा कि उसने अपनी मौत का समय और तारीख वही चुनी जब उसके पिता की मौत हुई थी। बेटी की मौत के बाद पूरे घर में कोहराम मच गया परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

Update: 2016-11-03 19:37 GMT

कानपुर: पिता की मौत के बाद एक बेटी को ऐसा सदमा लगा कि उसने अपनी मौत का समय और तारीख वही चुनी जब उसके पिता की मौत हुई थी। बेटी की मौत के बाद पूरे घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

क्या है मामला ?

-घटना कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा दो इलाके की है।

-जहां केडीए कर्मचारी अनिरुद्ध सेंगर की मौत एक साल पहले 3 नवंबर को शाम 04:30 बजे कैंसर की वजह से हुई थी।

-उनकी मौत के बाद परिवार में उनकी पत्नी अंजली सेंगर, बेटे प्रफुल, बेटी स्नेहा (25), सबसे छोटी बेटी नेचर थी।

-अनिरुद्ध सेंगर की मौत के बाद उनके बेटे प्रफुल को उनकी जगह नौकरी मिल गई थी।

-जिससे परिवार का भरण पोषण चल रहा था।

-स्नेहा अपने पिता से बहुत प्यार करती थी, वह स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) की प्रेपरेशन कर रही थी।

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घर पर अकेले थी स्नेहा

-मृतका के भाई प्रफुल्ल ने बताया कि गुरुवार शाम के वक्त उसकी मां और छोटी बहन मार्केट गई थी।

-घर पर स्नेहा अकेले थी।

-जब वह ऑफिस से वापस लौटा तो गेट अंदर से बंद था।

-जिसके बाद वह मकान के पीछे वाले गेट की दीवार फांद कर घर के अंदर गया।

-जहां उसने देखा कि सभी कमरों के दरवाजे खुले थे।

-स्नेहा का रूम अंदर से बंद था।

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फंदे से लटका मिला शव

-प्रफुल्ल ने बताया कि उसने खिड़की से झांक कर देखा तो वहां उसकी बहन स्नेहा का शव फंदे से लटक रहा था।

-प्रफुल्ल ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और मां को दी।

-जिसके बाद पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ शव को पंखे के कुंडे से नीचे उतारा।

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पिता की मौत के बाद से ही थी डिप्रेस

-प्रफुल्ल के मुताबिक, उसके पिता की मौत 3 नवंबर की शाम लगभग 4:30 बजे कैंसर की वजह से हुई थी।

-उसने बताया कि स्नेहा पापा से बहुत प्यार करती थी।

-उनकी मौत के बाद वह बहुत डिप्रेस और परेशान रहती थी।

-उसने भी 3 नवंबर की शाम 4:30 बजे बजे ही फांसी लगाई, वो भी उस कमरे में जहां उसके पापा का निधन हुआ था।

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सुबह से ही कर रही थी बहकी बहकी बातें

-मृतका की मां अंजली के मुताबिक, स्नेहा बहुत बहादुर बेटी थी वह कैसे फांसी लगा सकती थी।

-जितना वह अपने पापा से प्यार करती थी उतना ही परिवार के अन्य सदस्य से भी करती थी।

-उन्होंने ने बताया कि स्नेहा सुबह से ही बहकी बहकी बातें कर रही थी।

-वह रो-रोकर कह रही थी कि आज ही के दिन उसके पापा सभी को छोड़ कर चले गए थे।

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क्या कहना है पुलिस का ?

-बर्रा थानाध्यक्ष तुलसी राम पांडेय के मुताबिक शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

-परिजनों ने किसी तरह की कोई तहरीर नहीं दी है।

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