Sonbhadra News: दलगजन हत्याकांड में प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, दोनों को मिली उम्रकैद
Sonbhadra News: हाथीनाला थाना क्षेत्र में साढ़े चार वर्ष पूर्व प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने के मामले में, पत्नी और उसके प्रेमी दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
Sonbhadra News: हाथीनाला थाना क्षेत्र में साढ़े चार वर्ष पूर्व प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने के मामले में, पत्नी और उसके प्रेमी दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-3 सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। सुनवाई करते समय दोषसिद्ध पाकर पत्नी संगीता और उसके प्रेमी रामनरायन को उम्रकैद के साथ आठ-आठ हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह-छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का भी आदेश पारित किया गया है।
पत्नी के साथ गया था ससुराल जंगल में पड़ा मिला शव
अभियोजन कथानक के मुताबिक पिपरी थाना क्षेत्र के असनहर टोला पिपरहवा निवासी दलगजन पुत्र गेनालाल की शादी मई 2017 में हाथीनाला थाना क्षेत्र के हथवानी गांव निवासी संगीता पुत्री स्व. हीरालाल के साथ हुईं थी। 13 अगस्त 2017 को दलगजन, संगीता को साथ लेकर ससुराल चला गया। उसके बाद उसका पता नहीं चला। दो-तीन दिन बाद चरवाहों के जरिए सूचना मिली कि कुल्हाड़ी से काटकर एक युवक की हत्या कर शव को जंगल में फेंका गया है। मिली सूचना के आधार पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला। शव की शिनाख्त कराई गई तो की पहचान दलगजन निवासी असनहर थाना के रूप में हुई।
पिता की तहरीर पर मामला दर्ज कर पुलिस ने की थी छानबीन
इस मामले में मृतक के पिता गेनालाल खरवार पुत्र स्व. हरिकिसुन ने 28 अगस्त 2017 को हाथीनाला थाने में तहरीर दी। उसके जरिए अवगत कराया कि उसे इस बात का पूर्ण विश्वास है कि उसके बेटे की हत्या उसकी पत्नी संगीता और उसके प्रेमी रामनरायन ने मिलकर की है। दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने छानबीन की। इस दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर मृतक की पत्नी और पत्नी के प्रेमी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। वहां सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलों, गवाहों के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अदालत ने गहनता से परिशीलन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामनरायन और संगीता को उम्रकैद के साथ ही आठ-आठ हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कैद के लिए भी निर्णय पारित किया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता विनोद पाठक ने मामले की पैरवी की।