UP: जहरीली शराब पीने से सेवानिवृत्त सूचना अधिकारी समेत तीन की मौत

जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र के शिवपाल व ग्राम पंचायत सिहोरा के मजरे मखदुमपुर की चौहान बस्ती की यह घटना है।

Reporter :  Manish Mishra
Published By :  Dharmendra Singh
Update:2021-05-11 00:11 IST

ग्रामीणों से घटना की जानकारी लेते विधायक सुभाष राय (फोटो: सोशल मीडिया)

अंबेडकरनगर: उत्तर प्रदेश के अंबेडनगर में जहरीली शराब पीने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है, तो वहीं 17 लोग बीमार हो गए हैं। बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिसमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र के शिवपाल व ग्राम पंचायत सिहोरा के मजरे मखदुमपुर की चौहान बस्ती की यह घटना है। शराब पीने से हुई मौत की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्रीय विधायक सुभाष राय ने गांव में पहुंचकर घटना की जानकारी ली तथा जैतपुर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद जैतपुर पुलिस सक्रिय हो गई है। विधायक सुभाष राय ने शासन से मृतकों के परिजनों को 20- 20 लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार शिवपाल का रहने वाला सोनू चौबे आजमगढ़ जिले के सीमा पर स्थित मित्तूपुर बाजार से देसी शराब लेकर आया था। रविवार को सोनू चौबे के अलावा बगल के गांव मखदुमपुर के रहने वाले राम शुभम चौहान, अमित चौहान, जैसराज, महेश आदि लोगों ने शराब पी थी। शराब पीने के बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी जिसके बाद उन्हें ग्रामीणों ने जलालपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां अमित चौहान की रविवार को ही मौत हो गई थी। सोनू चौबे व सेवानिवृत्त सूचना अधिकारी रामशुभग चौहान ने सोमवार को दम तोड़ दिया।
शराब पीने से हुई मौत की घटना को ग्रामीणों ने पूरी तरह से छिपाकर रखा था और आनन-फानन में ही तीनों शव को जला दिया। शराब पीने से मखदुमपुर के ही रहने वाले जैसराज व महेश की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। मृत रामशुभग के घर से शराब की दो शीशी भी पाई गई है।
क्षेत्रीय विधायक के अनुसार शराब पीने से 17 अन्य लोगों की भी हालत खराब बताई जा रही है फिलहाल में सभी निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने इसके लिए स्थानीय प्रशासन व आबकारी विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान शराब की अवैध बिक्री किए जाने की बराबर सूचनाएं मिलती रहती हैं लेकिन इसके बावजूद प्रशासन अथवा आबकारी महकमा उसे रोकने की कवायद नहीं करता।


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