अवध एक्सप्रेस से 26 नाबालिग बच्चियां बरामद, पूछताछ में हुआ इस जुर्म का खुलासा
गोरखपुर: बिहार के पश्चिमी चंपारण के बेतिया जिले से आगरा ले जाई जा रहीं 26 नाबालिग बच्चियों को रेलवे पुलिस ने शुक्रवार को बरामद किया है। पुलिस मानव तस्करी के शक में पकड़े गए दो युवकों और बच्चियों के परिजनों से पूछताछ कर रही है। 6 से 14 साल की उम्र की इन बच्चियों को मदरसे में शिक्षा दिलाने के नाम पर ले जाया जा रहा था। गोरखपुर रेलवे पुलिस आगरा के मदरसे और बेतिया जिले के पुलिस अधिकारियों से संपर्क में है।
ये भी पढ़ें: ये है 5 इंडियन Monuments की सालाना कमाई, करो़ंड़ों का है टर्नओवर
मानव तस्करी का शक
गोरखपुर रेलवे स्टेशन से बीती रात 26 नाबालिग लड़कियों को अवध एक्सप्रेस से बरामद किया गया। इन बच्चियों को दो युवक आगरा लेकर जा रहे थे। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने संदिग्ध हालत में 6 से 14 साल की इन बच्चियों को बरामद किया है। पुलिस को इसमें मानव तस्करी का शक है। क्योंकि इन बच्चियों ने अभी तक कोई भी शिक्षा हासिल नहीं की है। वहीं इतनी बड़ी संख्या में 26 बच्चियों को ले जाने वाले युवकों के पास से परिजनों की ओर से दिया गया कोई अधिकार पत्र भी नहीं मिला है। जीआरपी ने बच्चियों के परिजनों को बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी है।
ये भी पढ़ें:कौन हैं ‘ट्यूबबेल चाची’, मोदी के मंत्री ने ट्वीट कर कही ये बड़ी बात
ट्वीट से जागी रेलवे
गुरूवार रात गोरखपुर आरपीएफ को बिहार के मुजफ्फरपुर से बांद्रा जा रही अवध एक्सप्रेस से 26 लड़कियों को संदिग्ध हालत में ट्रेन से ले जाए जाने की सूचना मिली। ये सूचना एक यात्री ने ट्विटर के जरिए पहले रेल मंत्रालय, महाप्रबंधक रेलवे समेत कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके बाद आरपीएफ और जीआरपी को मामले की जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम गठित की गई। तस्करों को दबोचने के लिए कप्तानगंज से ही सादे कपड़े में आरपीएफ के जवान ट्रेन में चढ़ गए।
हर पल की दे रहे थे अपडेट
सादे कपड़ों में चढ़े आरपीएफ के जवानों ने इन बच्चियों पर नजर रखने के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर खड़े जवानों को पल-पल की सूचना दी। ट्रेन जैसे ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, इस टीम ने ट्रेन की बोगी से बच्चियों को उतार लिया। इनके साथ आगरा जा रहे शेख अशरफ और सफ़दर को पुलिस ने पूछताछ के लिए उतार लिया। इन दोनों को हिरासत में लेकर गोरखपुर जीआरपी पोस्ट पर पूछताछ चल रही है।
एसपी रेलवे बोलीं- घरवाले घबराए हुए हैं
पुलिस अधीक्षक रेलवे गोरखपुर पुष्पांजलि ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि सभी बच्चियां बिहार के बेतिया की रहने वाली हैं। आज इनके घरवालों को गोरखपुर बुलाया गया है। इनके घरवाले इन्हें मदरसे में पढ़ाने के लिए आगरा ले जाये जाने की बात कह रहे हैं। हालांकि इनसे पूछताछ में ही मामला संदिग्ध लग रहा है। कई घरवाले काफी घबराए हुए हैं और अपनी बच्चियों का नाम भी नहीं बता पा रहे हैं। इनका कहना है कि इनके गांव में स्कूल तो है, लेकिन वहां ठीक से पढ़ाई नहीं होती है। फीस भी ज्यादा लगती है इसलिए वह बच्चियों को मदरसे में भेज रहे थे।
उन्होंने बताया कि बिहार के बेतिया में पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया गया है। इसके साथ ही आगरा के पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर मदरसे के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। दोनों जगहों पर अपने अधिकारियों को भी जांच के लिए भेज दिया गया है। इन बच्चियों को अवध एक्सप्रेस से बरामद किया गया है। इन्हें ले जाने वाले दोनों युवकों के पास भी परिजनों की ओर से दिया गया कोई अधिकारपत्र नहीं मिला है। चाइल्ड लाइन, सीडब्ल्यूसी और संबंधित थानों को इसकी सूचना दे दी गई है। मामला प्रथम दृष्टया संदिग्ध लग रहा है। लेकिन, जांच के पहले कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
आगरा के मदरसे में भेजने का था प्लान
जिला बाल संरक्षण इकाई गोरखपुर के कार्यकर्ता अवनीश दूबे ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि इन बच्चियों को आगरा के सिकन्दरा थानाक्षेत्र के रुनकता गांव के जामिया मदरसे में भेजा जा रहा था। जिस तरह से यह परिवार और इनकी बच्चियां अपनी बात बता रहे हैं, उससे मामला संदिग्ध लग रहा है। इन बच्चियों की उम्र भी 6 से 14 साल के बीच है। इतनी बड़ी संख्या में बच्चियों को अवैध तरीके से ले जाने से मामला मानव तस्करी से जुड़ा लगता है। जिस इलाके में पहले से ही कई मदरसे और स्कूल मौजूद हों वहां से कई सौ किमी दूर पढने भेजने का औचित्य नजर नहीं आता है।
गोरखपुर में इसके पहले भी इसी तरह के कई केस सामने आये हैं। जिसमें काफी पूछताछ के बाद मामला मानव तस्करी का साबित हुआ है। इस मामले में अधिकारी अभी कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं। लेकिन, इनके पूछताछ की दिशा भी मानव तस्करी की ओर ही ज्यादा इशारा कर रही है। फिलहाल इन सभी लड़कियों को चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया गया है। पूरे मामले के खुलासे के लिए बिहार और आगरा से लेकर गोरखपुर में भी जीआरपी और आरपीएफ की तीन टीम काम कर रही है।