अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम का अब नया ठिकाना नासिक सेंट्रल जेल होगा, सुरक्षा कारणों से हुआ ट्रांसफर

अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच उसे नासिक सेंट्रल जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि, वो खुद तलोजा जेल में ही रहना चाहता था।

Newstrack :  Sandip Kumar Mishra
Update: 2024-07-04 16:08 GMT

1993 मुंबई बम धमाकों का दोषी गैंगस्टर अबू सलेम (फाइल तस्वीर)

अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम अब नासिक सेंट्रल जेल में रहेगा। साल 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। अभी तक वो नवी मुंबई की तलोजा जेल में सजा काट रहा था। लेकिन गुरुवार को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच उसे नासिक सेंट्रल जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि, वो खुद तलोजा जेल में ही रहना चाहता था। उसने इस मामले को हाईकोर्ट के समक्ष भी उठाया था। लेकिन जेल अधिकारियों ने कोर्ट को बताया था कि तलोजा जेल के अंदर उच्च सुरक्षा वाली कोठरी की हालत खस्ताहाल है। जेल में तत्काल मरम्मत कराए जाने की जरूरत है। ऐसे में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अबू सलेम को नासिक की जेल में भेजा जाना चाहिए। जेल अधिकारियों की चिंता देखते हुए कोर्ट ने गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका खारिज कर दी थी। आज सुबह करीब 11.30 बजे अबू सलेम को कड़ी सुरक्षा के बीच तलोजा जेल से नासिक भेजा गया।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचा नासिक सेंट्रल जेल

बता दें कि साल 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किए गए गैंगस्टर अबू सलेम को 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया था और साल 2017 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उसे नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया था। सलेम ने दावा किया कि उसे तलोजा जेल से बाहर निकालने का फैसला उसे मारने की साजिश थी, क्योंकि उसे कुछ महीनों में रिहा किया जा सकता है। विशेष रूप से जब सलेम की याचिका बुधवार को न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई, तो पीठ ने बिना कोई कारण बताए सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। अब सलेम की याचिका को दूसरी खंडपीठ के समक्ष रखा जाएगा। नवी मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार को सलेम को तलोजा जेल से बाहर निकाला और उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक वाहन में नासिक स्थानांतरित किया गया है। चूंकि सलेम एक हाई-प्रोफाइल कैदी है, इसलिए सलेम को तलोजा से नासिक तक सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए हर एहतियात बरती गई। अबू सलेम को ले जाने वाली पुलिस टीम में एक इंस्पेक्टर, कमांडो और जेल विभाग के पुलिस कर्मचारी शामिल थे। ठाणे और नासिक दोनों जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों सहित पूरे मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। सूत्रों ने बताया कि जिस वाहन में उसे ले जाया जा रहा था, उसमें सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है।

दूसरे जेल में दूश्मन गिरोहों के सदस्य कर सकते हैं हमला- अबू सलेम

हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में सलेम ने कहा कि तलोजा जेल उसके लिए बहुत सुरक्षित है और उसने आशंका जताई कि अन्य जेलों में प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के सदस्य उस पर हमला कर सकते हैं। गैंगस्टर ने कहा कि इस समय उसकी जेल बदलना अनावश्यक और अनुचित है, और यह दुर्भावनापूर्ण इरादों से प्रेरित है। सलेम ने कहा कि वह वर्तमान में दिल्ली में दो मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है और उसे राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करनी पड़ती है। याचिका में कहा गया है कि उसे दूसरी जेल में स्थानांतरित करने से उसकी दिल्ली यात्रा प्रभावित होगी, जिससे उसके खिलाफ मुकदमों में देरी हो सकती है। सलेम ने दलील दी कि उसे तलोजा सुविधा के अंदर किसी अन्य बैरक या सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सकता है, जो बहुत विशाल है और इसके लिए व्यवस्था की जा सकती है। साल 1993 के बम विस्फोट मामले के अलावा, सलेम को मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के लिए साल 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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