वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में 25 सितंबर से चल रही रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल छठवें दिन खत्म हो गई। हडताल खत्म होने के बाद रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी ,वार्डों सहित अन्य जगहों पर काम पर लौट आये। सोमवार से ओपीडी की व्यवस्था पूर्ववत बहाल हो गई हैं। इसके साथ ही मरीजों ने राहत की सांस ली।
बीएचयू प्रशासन ने मानी रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगें
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो विजयनाथ मिश्र ने हडताली डाक्टरों से काम पर लौटने लिए एक बार फिर अपील की। रजिस्ट्रार डॉ नीरज त्रिपाठी, चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. वीके शुक्ला के साथ हुई बैठक में हडताली रेजिडेंट डाक्टरो की मांगों पर चर्चा के बाद उनकी सभी मांगें बीएचयू प्रशासन ने मान ली है। प्रो. मिश्र ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर वार्डों और इमरजेंसी में काम शुरू कर दिया है।
ये थी रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगें
24 सितंबर को अस्पताल में तिमारदारों से मारपीट की घटना के बाद रेजिंडेंट डॉक्टर चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे।
इन मांगों के मुताबिक डॉक्टरों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को त्रिस्तरीय करने, धनवंतरि हॉस्टल और एलबीएस हॉस्टल के बीच रास्ते पर बैरीकेडिंग की व्यवस्था, विश्वविद्यालय प्रशासन से मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और वार्डों में मरीजों से मिलने वालों के लिए पास व्यवस्था का सख्ती से पालन कराने की मांग रखी थी।
आपको बता दें कि अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से पहले ही बाउंसरों की तैनाती कर दी गई थी। अन्य मांगों पर भी रविवार को लेकर मंथन हुआ। देर रात बीएचयू प्रशासन ने अन्य मांगों पर भी अपनी हामी भर दी।