5वीं कक्षा तक खुल रहे स्कूल: सरकार का आदेश, इस दिन से स्टूडेंट्स लेंगे क्लास

बिहार सरकार ने राज्य में कोरोना के असर को देखते हुए एक मार्च से क्लास 1 से 5 तक के सभी स्कूलों को खोलने के आदेश दिए हैं। इसके साथ क्लास 12 तक सारे स्कूल खुल जाएंगे।

Update:2021-02-21 09:45 IST
School Reopen: इन राज्यों में खूल रहे स्कूल-काॅलेज, जान लें जरूरी नियम

पटना. कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन होने पर पिछले साल मार्च में बंद हुए स्कूल अब धीरे धीरे चरणबद्ध तरीके से खोले जा रहे हैं। केंद्र की गाइडलाइन का पालन करते हुए राज्य सरकारें स्कूल- कॉलेज में ऑफलाइन पढ़ाई की दोबारा शुरुआत कर रही हैं। इसी कड़ी में बोर्ड एग्जाम के मद्देनजर पहले ही 10वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोले गए तो वहीं अब बिहार सरकार ने क्लास एक से 5 तक के स्टूडेंट्स को स्कूल जाने की इजाजत दे दी है।

बिहार में क्लास 1 से 5 तक के स्कूल खुलेंगे एक मार्च से

दरअसल, बिहार सरकार ने काफी विचार के बाद सशर्त छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल जाने की व्यवस्था कर दी है। बिहार सरकार ने राज्य में कोरोना के असर को देखते हुए एक मार्च से क्लास 1 से 5 तक के स्कूलों को खोलने के आदेश दिए हैं। हालाँकि स्टूडेंट्स को क्लास लेने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। वहीं इन स्कूलों के लिए भी कुछ निर्देश जारी किये गए हैं।

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स्कूलों और स्टूडेंट्स के लिए कोरोना गाइडलाइन

स्कूलों को निर्देश दिए गए कि एक से 5 तक की क्लास के लिए सिर्फ 50 फ़ीसदी बच्चे ही क्लास रूम में मौजूद रहेंगे। हालाँकि शिक्षकों की स्कूल में उपस्थिति शत प्रतिशत होनी चाहिए।

सभी स्कूलों को पूरी तरह से सैनिटाइज कराने के बाद ही क्लास शुरू की जानी चाहिए।

स्कूल में स्टूडेंट्स के बीच सोशल डिस्टेंसिंग होनी चाहिए, इसके लिए उन्हें 6-6 फिट की दूरी पर बैठना अनिवार्य होगा।

स्कूल की ओर से सभी बच्चों को 2 -2 मास्क उपलब्ध कराये जायेंगे।

सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग के ये आदेश राज्य के सभी निजी और सरकारी स्कूलों के लिए हैं।

बिहार में 6 से 12वीं क्लास के लिए खुल चुके स्कूल

बता दें कि इसके पहले बिहार में क्लास 9 से 12 तक की क्लास 4 जनवरी को शुरू की जा चुकी हैं, तो वहीं क्लास 6 से 8 तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूलों को 8 फरवरी को खोला गया था। हालाँकि स्कूल खोलने के साथ ही अभिभावकों को ये सुविधा दी गयी कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं, इसका निर्णय वह खुद करें। अभिभावकों की सहमति पत्र भरे जाने के बाद ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश की इजाजत होगी। वहीं अगर पेरेंट्स अपने बच्चो को स्कूल भेजना नहीं चाहेंगे तो स्कूल प्रशासन उनपर दबाव नहीं बना सकता और बच्चे ऑनलाइन क्लास ले सकते हैं।

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