नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं के छात्रों को 2019 से पास होने की शर्त में बड़ी राहत दी है। अगले साल से छात्रों को पास होने के लिए थ्योरी और प्रैक्टिल, दोनों में मिलाकर कुल 33 फीसदी नंबर लाने होंगे। बता दें कि इससे पहले छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग 33 फीसदी मार्क्स लाने पड़ते हैं।
बोर्ड की चेयरमैन अनीता कारवाल ने बताया, 'छात्रों को राहत देने के लिए बोर्ड ने साल 2019 से क्लास 10वीं के छात्रों के लिए पास होने की शर्त को आसान बनाने का फैसला लिया है।'
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प्रैक्टिकल या किसी अन्य असेसमेंट में उपस्थित न होने से मार्क्स जीरो माना जाएगा
सीबीएसई की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है, 'अब 2019 से 10वीं क्लास की परीक्षा देने वाले छात्रों को भी वही पासिंग क्राइटेरिया देने का फैसला लिया गया है। यानी अब उनको पास होने के लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में मिलाकर 33 नंबर लाने होंगे।' अगर कैंडिडेट प्रैक्टिकल या किसी अन्य असेसमेंट में उपस्थित नहीं होगा तो उसमें उनका मार्क्स जीरो माना जाएगा और उसी हिसाब से उसके कुल अंकों की गणना होगी।
गौरतलब है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने ऐकडेमिक सेशन 2018-19 के लिए 9वीं और 11वीं क्लास के रेग्युलर छात्रों के पंजीकरण 1 अक्टूबर से शुरू हुई है और 22 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
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आवेदन फीस
छात्रों को पंजीकरण के लिए 150 रुपये बतौर शुल्क देने होंगे। दिव्यांग छात्रों के लिए फीस माफ है। उनको कोई फीस नहीं देनी होगी। ऑनलाइन ऐप्लिकेशन फीस जमा करने की आखिरी तारीख 22 अक्टूबर है। 500 रुपये लेट फीस के साथ 30 अक्टूबर तक आवेदन किया जा सकता है। 31 अक्टूबर से लेकर 12 नवंबर तक लेट फीस 1000 रुपये, 13 से 20 नवंबर तक लेट फीस 2000 रुपये और 21 से 28 नवंबर तक लेट फीस 5000 रुपये है।