CBSE Evaluation 2021: सीबीएसई की मार्किंग स्कीम से असंतुष्ट हुए छात्र, पहुंचे SC

CBSE Evaluation 2021: सीबीएसई के नए फॉर्मूले से छात्र बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। इस फार्मूले को लेकर कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-06-19 07:57 GMT

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

CBSE Evaluation 2021: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने बीते गुरूवार को इंटरमीडिएट (Intermediate) की बोर्ड परीक्षाओं ( Board Exam) की मार्किंग के लिए एक फार्मूला जारी किया था। सीबीएसई के इस फॉर्मूले से छात्र बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। इस फार्मूले को लेकर कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है।

जानकारी के मुताबिक, पूरे देश से करीब 1152 छात्रों ने एडवोकेट मनु जेटली (Manu Jaitley) के माध्यम से मार्किंग स्कीम (Marking Scheme) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। छात्रों ने मांग की है कि कंपार्टमेंट (Compartment), ड्रॉप आउट (Drop Out), पत्राचार से बारहवीं करने वाले आदि छात्रों और परीक्षार्थियों के लिए नीति बनाई जाए। साथ ही परीक्षा देने वाले छात्रों, टीचरों, अभिभावक आदि लोगों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जून के शुरूआती हफ्ते में सीबीएसई (CBSE) से कहा था कि वे इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की   बनाए और उसे कोर्ट में पेश करे, जिसके बाद कोर्ट ने 17 जून को सीबीएसई (CBSE) ने कोर्ट को अपना फार्मूला सौपा था, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी।

बोर्ड के इस फार्मूले को छात्रों ने उदासीन स्कीम बताया है। छात्रों ने कहा है, "इन वर्गों के छात्रों और परीक्षार्थियों के लिए ये स्कीम उदासीन है। ये स्कीम समानता के अधिकार आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है।"

क्या है मार्किंग फार्मूला

मार्किंग फार्मूला का मतबल है कि 12वीं के छात्रों को उनकी पिछली क्लास 10,11 और 12वीं की परफॉर्मेंस के आधार पर मार्किंग दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, कक्षा 10 वीं और कक्षा 11वीं के मार्क्स से 30 फीसदी वेटेज मिलेगा, साथ ही 12वीं में दिए गए प्री बोर्ड, यूनिट एक्जाम और मिड टर्म के आधार पर छात्रों को 40 फीसदी वेटेज मिलेगा।

इसे और आसान शब्दों में समझा जाए, तो 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को चुना जाएगा। 10वीं कक्षा के लिए 5 विषय लिए गए हैं और तीन में से सर्वश्रेष्ठ का औसत निकाला गया है। कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल होते हैं। हम 10वीं से 30 फीसदी, 11वीं से 30 फीसदी और 12वीं से 40 फीसदी लेंगे। इस तरह उनके अंक निकलेंगे।

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