ICSE, ISC 2017 RESULT: CMS की आयुषी बनीं UP Topper, जानें और कौन रहा अव्वल
सीएमस की छात्रा आयुषी श्रीवास्तव ने बताया कि उनके 99.2 5 पर्सेंट अंक हासिल हुए है। मैथ में 100, फिजिकल एजुकेशन में 100, इंग्लिश में 98,कॉमर्स में 99, इकोनॉमिक्स में 98,अकाउंट में 94 प्रतिशत अंक आए हैं। उसके पिता अशोक श्रीवास्तव यूपीपीसीएल में चीफ इंजीनियर हैं। मां सुनीता श्रीवास्तव ग्रहणी है।
लखनऊ : आइएसई तथा आईसीएसई का परीक्षा परिणाम आज (29 मई) को घोषित कर दिया गया। आईसीएसई में लखनऊ सीएमस की छात्रा आयुषी श्रीवास्तव ने 99.25 फीसदी अंकों के साथ आल इंडिया रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल किया है। उन्हें मैथ में 100, फिजिकल एजुकेशन में 100, इंग्लिश में 98,कॉमर्स में 99, इकोनॉमिक्स में 98,अकाउंट में 94 प्रतिशत अंक आए हैं। उसके पिता अशोक श्रीवास्तव यूपीपीसीएल में चीफ इंजीनियर हैं। मां सुनीता श्रीवास्तव गृहणी हैं। इस तरह आयुषी पूरे प्रदेश में अव्वल रहीं।
वहीं, सीएमएस की राजेंद्र गुप्ता कैंपस की वेदांशी गुप्ता ने 99 फीसदी अंकों के साथ यूपी में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं वो राष्ट्रीय रैंकिंग में तीसरे नंबर पर रहीं। सीएमएस की ही सुनम्या गुप्ता ने 98.75 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में तीसरा स्थानल किया है।
आईसीएससी परिणामों में भी सीएमएस का दबदबा
दूसरी तरफ, आईसीएससी के परीक्षा परिणामों में भी सीएमएस का दबदबा रहा। सीएमएस के प्रांजल श्रीवास्तव ने 98.60 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में अव्वल रहे। जबकि आनंद शर्मा 98.40 फीसदी अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जबकि, ला मार्टिनियर की अल्पना श्रीवास्तव ने आईसीएसई 10वीं में 97.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं।
वहीं, सीएमएस महानगर ब्रांच की छात्रा अपर्णा नारायण श्रीवास्तव ने आईएससी में 95 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। इसके अलावा मथुरा में कक्षा 12वीं के ग्रेस कान्वेंट के देवांग मित्तल और सेक्रेड हार्ट की अलका शुक्ला 94.25 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर हैं। जबकि लोरेटों कान्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज की छात्रा कु. याशिता खुल्बे ने ICSE Board मे 98 % अंक हासिल किए।
सक्सेस मंत्र
-आयुषी ने बताया कि वो रोज 4 घंटे पढ़ाई करके ये सफलता पाई है।
-उसने कहा कि वह आगे चलकर दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पढ़ाई करके इकनॉमिक्स बनना चाहती हैं।
-आयुषी अपने भाई अक्षत से और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से प्रभावित हैं। जिनका सक्सेस मंत्र है कि रोज़ अपनी गलतियों से सीखें।
आयुषी के हाई स्कूल में भी 95.8 अंक हासिल किए थे।
आगे की स्लाइड्स में जानें क्या कहा अपर्णा के पिता ने...
क्या कहना है अपर्णा के पिता का?
अपर्णा नारायण श्रीवास्तव के पिता अतुल नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि अपर्णा को ओस्टो जेनेसिस इम्पेरफेकटा बीमारी है। इसके चलते वो व्हील चेयर से चलती हैं। अपर्णा के 95 परसेंट मार्क्स हैं।इं ग्लिश में 91, इकोनॉमिक्स में 96, कॉमर्स में 98,एकाउंट्स में 98,कंप्यूटर साइंस में 95 अंक हैं।इनके पिता GSI में कार्यरत हैं।अपर्णा आगे चलकर बीकॉम करेंगी फिर एमबीए करके प्रबंधन की जॉब करना चाहती हैं।
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सुनाम्या गुप्ता प्राप्तांक 98.75%
- सीएमएस, 12वीं की छात्रा सुनाम्या गुप्ता ने 98.75 अंक हासिल किए है।
-इनके पिता एसके गुप्ता सीएमएस में ही मैथ टीचर हैं।
-इसके इंग्लिश में 95, मैथ्स में 100,फिजिक्स में 100,कंप्यूटर साइंस में 100 अंक आये हैं।
-इनका आल इंडिया में 4 और यूपी में 3 रैंक है।
सोशल मीडियाा से रहें दूर
-सुनाम्या का कहना है कि जितना हो सके रिविजन करें और 10 सालो के प्रश्न पत्र को जरूर हल करें।
-सुनाम्या म्यूजिक को अपना स्ट्रेस बस्टर मानती हैं।
-जिनका मानना है कि सोशल मीडियाा से दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि ये डिस्ट्रक्ट कर सकता है।
-ये आईआईटी कानपूर से बीटेक करके केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं।
आगे की स्लाइड्स में जानें दोनों बहनो ने बढ़ाई परिवार की शान
परिवार की बढ़ाई शान
-कु. याशिता खुल्बे ने 98 % अंक हासिल कर अपना और अपने परिवार का गौरव बढ़ाया है।
-वह बचपन से ही एक प्रतिभावन रही है।
-याशिता लॉरेटों कान्वेंट इंटर्मीडियट कॉलेज की वाइस हैड गर्ल रही।
-साथ मे 3 सालों तक लगातार स्कूल का प्रतिष्ठित प्रिमरोज अवार्ड जीतने वाली पहली छात्रा बनी।
प्राणिता खुल्बे ने हासिल किए 93 % अंक
-कु. प्राणिता खुल्बे भी अपने बहन याशिता की तरह बचपन से ही काफी प्रतिभावन रही है।
-कु. प्राणिता खुल्बे ने ISC Board मे 93 % अंक हासिल किए।
-वो भी लोरेटों कान्वेंट इंटर्मीडियट कॉलेज की छात्रा रही है।
-वर्तमान मे मॉडर्न अकैडमी गोमती नगर मे शिक्षारत थी ।
-वो एक्सट्रा कुररीकुलर अक्टिविटीएस मे काफी बदचड़ कर हिस्सा लेती रही है।
-अपने आने वाले जीवन मे वो एक कुशल डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है ।
-दोनों ही बहनो का कहना है कि कठिन परिश्रम, एकाग्रता द्वारा ही सफलता हासिल की जा सकती है । दोनों इसका श्रेए अपने शिक्षकों एवं अपने परिवार को देती है ।