बवाल के बाद संगीनों के साए में बीएचयू, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल से बिगड़े हालात

Update: 2018-09-25 07:32 GMT

वाराणसी: रह-रहकर पुलिस की हूटर बजाती गाड़ियां, बीएचयू में पसरी खामोशी को तोड़ रही हैं। सड़कों पर संगीनों का साया साफ नजर आ रहा है। कैंपस में छात्रों के बजाय वर्दीवालों का डेरा है। सोमवार की आधी रात हुए बवाल के बाद छात्र सहमे हैं तो प्रोफेसर परेशान।

इस बीच घटना के विरोध में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। लिहाजा सर सुंदरलाल और ट्रामा सेंटर में मरीजों की मुश्किलें बढ़ हैं। हालांकि सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर काम पर हैं लेकिन ओपीडी सेवा प्रभावित हो रही है। पीड़ित रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग है कि जब तक आरोपी छात्रों को गिरफ्तार नहीं किया जाता उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

पुलिस प्रशासन ने किया फ्लैग मार्च

दूसरी ओर घटना के बाद कैंपस में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने फ्लैग मार्च किया। डीएम और एसएसपी ने सुरक्षा की कमान संभाल रखी है। दोनों ने बीएचयू के कुलपति के साथ बैठक की। इस बीच एसएसपी आनंद कुलकर्णी के मुताबकि हालात तनावपूर्ण हैं। शांति व्यवस्था बनाने के लिए कैंपस में फोर्स की तैनाती कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है। जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

घटना के पीछे डिबार छात्र तो नहीं ?

घटना को लेकर कैंपस में चर्चाओं का बाजार गर्म है। सूत्रों के मुताबिक रुईया और धनवंतरी हॉस्टल में हंगामा करने वाले बवालियों में वो छात्र शामिल हैं जिन्हें जुलाई महीने में वीसी ने डिबार किया था। इन छात्रों के ऊपर रंगदारी मांगने, मारपीट और आगजनी के आरोप हैं। इन्हें आरोपों के चलते वीसी राकेश भटनागर ने कार्रवाई की थी। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के बाद डिबार छात्र कैंपस में जमे हुए हैं और इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन छात्रों ने ऐलान किया है कि जब तक उनकी बहाली नहीं होती है, कैंपस में आतंक जारी रहेगा।

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