RTE के तहत हुआ था गरीब बच्ची का दाखिला, स्कूल ने एडमिशन किया रद्द, प्रदर्शन

संदीप पाण्डेय ने बताया कि राइट टू एजुकेशन के तहत नवयुग रेडिएंस ने 22 एडमिशन लटका रखे हैं। शुरुआत में दो बच्चो का एडमिशन लिया फिर बाकी स्टूडेंट्स को मना कर दिया गया। इसके बाद इन अंडर प्रिविलेज बच्चों से स्कूल वाले फीस की डिमांड करने लगे। पाखी राजपूत नमक लड़की स्कूल में कक्षा 6 में पढ़ती थी। फीस ना भर पाने के कारण उसको स्कूल से निकाल दिया गया। बीएसए का आदेश भी स्कूल वाले नहीं मान रहे हैं। इसलिए परिवार वाले सीएम अखिलेश यादव से मांग कर रहे है कि ये स्कूल या तो आरटीई के तहत एडमिशन दे या फिर इस स्कूल की मान्यता समाप्त की जाए।

Update: 2016-09-16 14:31 GMT

लखनऊ : राजधानी में राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को राजधानी के नवयुग रेडिएंस स्कूल की मनमानी का मामला सामने आया है। इसमें एक गरीब बच्ची को स्कूल ने पहले एडमिशन दिया और फिर स्कूल फीस जमा ना करने के नाम पर उसके एडमिशन को कैंसिल कर दिया गया। इसके बाद परिजनो ने स्कूल की मान्यता रद्द करने को लेकर प्रदर्शन किया।

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इससे परेशान होकर बच्ची के परिवार वालों ने मैगसेसे अवार्ड विनर संदीप पाण्डेय के साथ मिलकर सीएम से स्कूल की मान्यता समाप्त करने की मांग की है।

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स्कूल ने नहीं माना बीएसए का आदेश

-संदीप पाण्डेय ने बताया कि राइट टू एजुकेशन के तहत नवयुग रेडिएंस ने 22 एडमिशन लटका रखे हैं।

-शुरुआत में दो बच्चो का एडमिशन लिया फिर बाकी स्टूडेंट्स को मना कर दिया गया।

-इसके बाद इन अंडर प्रिविलेज बच्चों से स्कूल वाले फीस की डिमांड करने लगे।

-पाखी राजपूत नामक लड़की स्कूल में कक्षा 6 में पढ़ती थी।

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-फीस ना भर पाने के कारण उसको स्कूल से निकाल दिया गया।

-बीएसए का आदेश भी स्कूल वाले नहीं मान रहे हैं। इसलिए परिवार वाले सीएम अखिलेश यादव से मांग कर रहे है कि ये स्कूल या तो आरटीई के तहत एडमिशन दे या फिर इस स्कूल की मान्यता समाप्त की जाए।

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प्रवीण मणि त्रिपाठी का क्या कहना है?

-बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि कोई भी स्कूल बच्चों से फीसस नहीं वसूल सकता है।

-उनका कहना है कि इस मामले में बच्ची के परिजनों ने लिखित शिकायत नहीं दी है और मामले की पूरी जांच की जाएगी।

-उन्होंने यह भी कहा कि जो भी स्कूल आरटीई के तहत एडमिशन देने में आनाकानी करेगा उस पर कार्यवाही की जाएगी।

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