लखनऊ: अपने अधिकारों की मांग को लेकर आज उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक कार्यालय पर धरना दिया। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से अपनी समस्या को शीघ्र निपटाने का अनुरोध किया। पार्क रोड स्थित कार्यालय पर धरना दे रहे शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी भी की। शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश सरकार उनके अधिकारों की अनदेखी कर रही है। अगर जल्दी ही उनकी समस्याओं को निपटारा नहीं किया गया तो जगह जगह क्रमिक प्रदर्शन किए जाएंगे।
एक साल पहले सौंपा गया था ज्ञापन
संगठन महामंत्री हरिश्चंद्र दीक्षित ने बताया की संगठन की और से एक साल पहले भी शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई| पिछले साल अप्रैल में एक मीटिंग भी हुई जिसमें यह आश्वासन दिया गया कि शिक्षकों की सभी मांगें पूरी की जाएंगी लेकिन एक साल बीतने पर भी कोई फैसला नहीं आया|
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शिक्षकों की यह हैं मांगें
1. अंशदायी पेंशन खत्म करके पहले की तरह सामान्य भविष्य निधि पेंशन योजना लागू कर रिटायरमेंट की सभी सुविधाएं शिक्षकों को दी जाएं।
2. वित्तविहीन शिक्षकों को हर महीने कम से कम 10000 रूपये मानदेय दिया जाए
3. माध्यमिक शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था खत्म की जाए।
4. राज्यकर्मियों की तरह माध्यमिक शिक्षकों को मेडिकल सुविधा दी जाए।
5. गर्ल्स स्कूल में प्लेग्राउंड की सुविधा की जाए।
6. गंभीर रोगों के इलाज के लिए कार्यरत और रिटायर शिक्षकों को भारी आर्थिक सहायता दी जाए।
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माध्यमिक शिक्षा से जुडी मांगें
1. माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पद को जल्द भरा जाए।
2. संसाधनविहीन माध्यमिक विद्यालयों को संन्साधन संपन्न बनाया जाए।
3. यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम से छेड़छाड़ न की जाए।
4. प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा और कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
5. हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं में ग्रेडिंग सिस्टम बंद किया जाए।
6. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में हर सब्जेक्ट में 2 क्वेश्चन पेपर रखे जाएं।
7. नकलविहीन परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र निर्धारण में खरीद फरोख्त खत्म की जाए।
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