अब पांचवीं और आठवीं में भी फेल होंगे बच्चे, ये है सरकार का नया प्रावधान

यह प्रावधान शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कक्षा पांच एवं आठ में बच्चों को फेल करने से संबंधित है। जबकि दूसरा शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को पिछली तिथि से मान्यता देने को लेकर है।

Update: 2019-01-14 10:36 GMT

नई दिल्ली: केंन्द्र सरकार शिक्षा में अब और कड़े प्रावधान लेकर आई है। इसके लिए कानून भी बनाकर तैयार कर लिया गया है जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है।

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यह प्रावधान शिक्षा के अधिकार कानून के तहत कक्षा पांच एवं आठ में बच्चों को फेल करने से संबंधित है। जबकि दूसरा शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को पिछली तिथि से मान्यता देने को लेकर है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने शिक्षा से जुड़े दो कानूनों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इन कानूनों को संसद में पिछले दिनों पारित किया गया था।

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इस नए कानून के तहत कक्षा पांच एवं आठ में बच्चों को फेल किया जा सकता है। जबकि पहले आठवीं तक किसी भी विद्यार्थी को फेल नहीं करने का कानून बना हुआ था। लेकिन फेल नहीं करने के कानून से यह पाया गया कि बच्चों पर इसका नकारात्मक असर हो रहा है। इसलिए नए कानून के तहत कक्षा पांच एवं आठ में अब परीक्षा ली जाएगी। यदि छात्र-छात्राएं इसमें फेल होते हैं, तो उन्हें दो महीने के भीतर एक और मौका दिया जाएगा। नए कानून में कहा गया है कि फेल करने के नियमों को लागू करने या नहीं करने का विकल्प राज्यों के पास होगा।

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दूसरा कानून राष्ट्रीय शिक्षण प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) से जुड़ा है। एनसीटीई कानून में संशोधन करके शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों को तय शर्तों के तहत पिछली तिथि से मान्यता देने का प्रावधान किया गया है।

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