नई दिल्ली: किसी भी महिला के लिए उसके जीवन का सबसे खराब दिन गर्भपात का होता है। जानकार बताते हैं की गर्भपात के बाद दोबारा गर्भधारण करने में कोई कठिनाई नहीं होती है लेकिन महिला को इससे जुड़े सभी रिस्क फैक्टर के बारे में ठीक से जरुर पता होना चाहिए। तो आइये जानते है वो कौन सी ऐसी खास बातें है जिन्हें गर्भ गिरने के बाद हर महिला के लिए जानना जरूरी है।
क्या गर्भपात के बाद फिर से गर्भवती होना सेफ है?
अगर एक अच्छे स्पेशलिस्ट डाक्टर से सही प्रक्रिया से गर्भपात कराया गया हो तो गर्भपात सुरक्षित होता है। इससे फर्टिलिटी पर कोई असर नहीं पड़ता है। दिल्ली के पुष्पवती सिंघानिया रिसर्च इंस्टिट्यूट में कंसलटेंट और इंडोस्कोपिक सर्जन डॉ राहुल मनचंदा बताते हैं “दुबारा गर्भवती बहुत आसान और साधारण है। टेंशन तब लेना चाहिए अगर गर्भपात के समय कोई परेशानी आई हो और गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब को कोई क्षति पंहुची हो। ”
हाल ही के अध्ययनों से पता चला है की भारत में असुरक्षित गर्भपात से हर घंटे 2 महिलाओं की मौत हो रही है। इसलिए गर्भपात के लिए किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह जरुर लें।
गर्भपात के बाद कुलिंग ऑफ पीरियड
डॉ मनचंदा बताते हैं की “गर्भपात के बाद कम से कम 3 महीने रुकना चाहिए। इससे शरीर को ताकत मिलने में और दुबारा गर्भवती होने के लिए तैयार होने का पर्याप्त समय मील जाता है। ये कुछ कारनं है जिसके वजह से गर्भपात के बाद कुछ समय रुकना चाहिए।
कब कराए गर्भपात
महिलाओं को गर्भपात तब कराना चाहिए जब बच्चे की ज़िन्दगी पहले से खतरे में हो। डॉ मनचंदा बताते हैं की दोनों ही परिस्थियों में जल्दी दोबारा गर्भवती होने का फैसला बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है हालांकि वो ये भी कहते हैं कि इसके बावजूद गर्भवती होना असंभव नहीं है।
गर्भपात के कितने समय बाद दुबारा गर्भवती हो सकते हैं?
गर्भपात के बाद 3 महीने रुकना ही चाहिए लेकिन 7 से 10 दिन के भीतर दुबारा गर्भवती होना भी संभव है। अगर सुरक्षित सेक्स न किया गया हो। अगर आप दोबारा गर्भवती नहीं होना चाहती हैं तो सेक्स के दौरान सुरक्षा लें और दूसरे बार गर्भधारण के लिए आपने डॉक्टर से बात करें। जल्दी गर्भपात जल्दी गर्भावस्था की हालत भी ला सकता है। इसीलिए गर्भपात के कम से कम से कम एक महीना रुकना सही रहता है।
गर्भपात न सिर्फ शारीरिक रूप से वल्कि मानसिक रूप से भी चुनौती भरा हो सकता है। ऐसे में इन सावधानियां का पालन करें।
जितना हो सके तरल पेय पदार्थ लें।
कम से कम 3 हफ़्तों गटक भारी वजन उठाने से बचें।
डॉक्टर के द्वारा बताये गए एंटीबायोटिक का सेवन करें।
गर्भपात से 2 हफ़्तों तक व्यायाम करने से बचें।
गर्म पानी से नहाने या स्पा आदि में जाने से बचें कुछ दिनों तक ताकि गर्भाशय के अन्दर किसी तरह के संक्रमण होने खतरा न हो।
अगले गर्भ के लिए किसी डॉक्टर से पहले सलाह जरुर लें।
अगर गर्भपात 9 हफ़्तों के बाद हुआ हो तो स्तन से दूध जैसे तरल पदार्थ का रिसाव हो सकता है।