फ्लॉप एक्टर बना नेता: बिहार में आज इनका बोलबाला, ऐसे मारी राजनीति में एंट्री

जमुई से लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान की पहचान उनके पिता मौसम वैज्ञानिक रामविलास पासवान के पुत्र के रूप में ही होती हैं। संसद के रूम में पहचान बनाने से पहले चिराग पासवान बॉलीवुड में भी काम कर चुके हैं।

Update: 2020-10-04 09:26 GMT
कैसे एक एक्टर ने बिहार की राजनीति में मारी एंट्री

जमुई से लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान की पहचान उनके पिता मौसम वैज्ञानिक (राजनीतिक स्थिति भांपने वाले) रामविलास पासवान के पुत्र के रूप में ही होती हैं। लेकिन क्या आप जानते है। एक युवा संसद के रूम में पहचान बनाने से पहले चिराग पासवान बॉलीवुड में भी काम कर चुके हैं।

पहली फिल्म ही हुई फ्लॉप

31 अक्टूबर 1982 को बिहार के खगड़िया जिले में जन्में चिराग पासवान ने अपनी स्कूलिंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल से की थी। जिसके बाद 2003 में उन्होंने दिल्ली के एक संस्थान से कंप्यूटर साइंस में बी टेक किया था। कॉलेज करने के बाद चिराग ने सबसे पहले बॉलीवुड की तरफ अपना रुख मोड़ा। 2011 में आई फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ से बॉलीवुड डेब्यू किया। इस फिल्म के लिए चिराग पासवान को ‘कल के सुपर स्टार’ कैटेगरी में स्टारडस्ट अवार्ड के लिए नामांकित भी किया गया था। फिल्म में चिराह के साथ पंगा गर्ल कंगना रनौत उनके साथ दिखाई दी थी। लेकिन फिल्म बोक्सोफ्फिस पर कुछ कमाल नहीं दिखा पाए और चिराग का फ़िल्मी सफ़र यही खत्म हो गया। बता दें कि चिराग पासवान फैशन डिजाइनर भी हैं।

राजनीति में जमाया हाथ

फिल्म के फ्लॉप होने के बाद चिराग ने राजनीति की दुनिया में प्रवेश किया । आज उनकी पहचान भारतीय राजनीति के दिग्गज रामविलास पासवान के बेटे के रूप में ही होती है। 2014 16वीं लोक सभा में चिराग पासवान मोदी लहर में सांसद बने थे और 2019 में भी उन्होंने जमुई से जीत हासिल की है। आज की तारीख में रामविलास पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति की पूरी जिम्मेवारी उनके कंधे पर है। हालांकि चिराग पासवान अब बिहार की सियासत के प्रभावशाली शख्सियतों में शामिल हो चुके हैं, लेकिन राजनीतिक अपरिपक्वता की वजह से एनडीए गठबंधन में उन्होंने अपनी पहचान एक तुनक मिजाज वाले नेता के रूप में बना ली है।

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पिता की तरह कमा रहे नाम

वैसे तो छह प्रधानमंत्री के साथ काम कर चुके रामविलास पासवान को मौसम वैज्ञानिक (राजनीतिक माहौल भांपने वाले) कहा जाता है। ठीक अपने पिता की ही तरह चिराग भी राजनीतिक स्थिति भांपने में माहिर है। बता दें कि जिस वक़्त चिराग पासवान ने राजनीति में कदम रखा था उस वक़्त उनके पिता रामविलास पासवान राजनीति के मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। उसी वक्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो नरेंद्र मोदी को बतौर प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट किए जाने के खिलाफ थे, वे बीजेपी से अलग होकर बिहार में नए साथी की तलाश कर रहे थे। जिसके बाद चिराग पासवान ने एलजेपी को इस मुश्किल घड़ी से निकाला और अपने पिता रामविलास पासवान को मनाकर पार्टी को एनडीए का हिस्सा बनवाया। आज चिराग पासवान के इसी सियासत समझ की वजह से रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी की सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं।

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