Bollywood News: मुसीबत में रितेश देशमुख और जेनेलिया, बैंकों से 116 करोड़ रुपये के कर्ज में गड़बड़ी का लगा आरोप

Riteish Deshmukh and Genelia’s Firm: रितेश देशमुख और जेनेलिया की फर्म को पिछली महाराष्ट्र सरकार द्वारा विशेष अनुग्रह प्रदान किया गया था। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

Update: 2022-12-02 05:50 GMT

Riteish Deshmukh and Genelia’s Firm (Image Credit-Social Media)

Riteish Deshmukh and Genelia's Firm: महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने एक्टर रितेश देशमुख और उनकी पत्नी और एक्ट्रेस जेनेलिया देशमुख के स्वामित्व वाली एक कृषि-प्रसंस्करण कंपनी में कथित अनियमितताएं पाए जाने के बाद जांच का आदेश दिया है। सरकार का कहना है कि देशमुख की फर्म को पिछली महाराष्ट्र सरकार द्वारा विशेष अनुग्रह प्रदान किया गया था। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला और दोनों पर क्या आरोप लगाए गए हैं।

रितेश देशमुख और जेनेलिया की फर्म को मिला जाँच का आदेश

इस साल अक्टूबर में, भाजपा ने दावा किया कि उसने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत भूमि आवंटन के बारे में जानकारी प्राप्त की, जिससे पता चला कि रितेश और जेनेलिया देशमुख को पिछली राज्य सरकार द्वारा विशेष अनुग्रह प्रदान किया गया था। दरअसल पिछले महीने महाराष्ट्र के लातूर जिले के भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान कृषि-प्रसंस्करण कंपनी देश एग्रो प्राइवेट लिमिटेड को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम ( (MIDC) का प्लॉट उनके गृह नगर लातूर में मिला था।

आपको बता दें कि MIDC महाराष्ट्र सरकार की एक निवेश प्रोत्साहन एजेंसी है। इसने राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की और राज्य में भूखंडों पर बोली लगाने की प्रक्रिया है जो ये उद्यमियों को उपलब्ध कराती है। जिसके तहत इसने देश एग्रो प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी को जमीन आवंटित की, जिसमें रितेश और जेनेलिया देशमुख समान शेयरों के साथ भागीदार हैं, कथित तौर पर इसके गठन के तीन सप्ताह के भीतर 605 रुपये प्रति वर्ग मीटर की रियायती दर पर जमीन के लिए आवेदन 10 दिनों के भीतर आगे बढ़ने को कहा गया था। साथ ही सोयाबीन के प्रसंस्करण के लिए 7.50 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी वाली कंपनी स्थापित की गई थी।

क्या है आरोप

दरअसल सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने बताया कि भाजपा नेताओं का आरोप है कि रितेश और जेनेलिया की कंपनी ने 4 अक्टूबर, 2021 को पंढरपुर शहरी सहकारी बैंक से कर्ज के लिए आवेदन किया था और बैंक ने 27 अक्टूबर को 4 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी भी दे दी थी। इसके बाद कंपनी ने लातूर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से भी कर्ज के लिए आवेदन किया था और बैंक से 61 करोड़ रुपये का कर्ज 27 अक्टूबर को मंजूर किया था। साथ ही बैंक से एक और 55 करोड़ रुपये का कर्ज भी 25 जुलाई, 2022 को मंजूर किया गया था। आरोप लगाया गया है कि बैंकों से जरूरी मानको का पालन किए बिना ही रितेश देशमुख की कंपनी को फंडिंग की मंजूरी दी गई है।

इसके बाद भाजपा के लातूर जिला अध्यक्ष गुरुनाथ मागे ने इस मुद्दे को उठाने के लिए एक पत्र लिखा। जिसके बाद ये पता लगाने के लिए मजूरी दी गयी है कि क्या बैंक की तरफ से इसमें कोई गड़बड़ी की गयी है या नहीं। सहकारिता मंत्री सावे ने कहा कि इस सम्भन्ध में उप जिला रजिस्ट्रार जांच करेंगे। साथ ही ये भी जाँच का विषय होगा कि कर्ज लेने के लिए जरूरी पर्याप्त सिक्योरिटी सुनिश्चित की गई थी या नहीं। साथ ही ये भी पता लगाया जायेगा कि इसमें कोई अवैध काम तो नहीं हुआ है। बता दें कि रितेश देशमुख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिवंगत विलासराव देशमुख के बेटे हैं। उनका परिवार राजनीती में कई सालों से है जहाँ उनके बड़े भाई अमित एमवीए सरकार में मंत्री थे वहीँ उनके छोटे भाई धीरज भी लातूर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।

वहीँ देश एग्रो प्राइवेट लिमिटेड ने अपने पर लगे सभी आरोपों को "आधारहीन और तथ्यात्मक रूप से गलत" बताया है। लातूर में भाजपा नेताओं का दावा है कि पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के दौरान, जिसमें कांग्रेस सदस्य थी, भूमि आवंटन आउट ऑफ टर्न था।

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