Movie Review: शकुन बत्रा द्वारा निर्देशित फिल्म 'गहराइयां' आधुनिक संबंधों की पेचीदगियों को दर्शाती है

फिल्म 'गहराइयां' ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई है। फिल्म में दीपिका एक योग प्रशिक्षक की भूमिका में हैं जबकि सिद्धांत एक रियल एस्टेट एजेंट की भूमिका में हैं।

Written By :  Priya Singh
Update: 2022-02-15 05:41 GMT

फोटो साभार : इंस्टाग्राम

Gehraiyaan : फिल्म 'गहराइयां ' की कहानी हमारे जीवन में बह रहे भावनाओं के प्रवाह के समान है। जब समुद्र की लहरें एक के बाद एक आती रहती हैं , तो हमें अक्सर ये महसूस होता है कि जीवन नीरस है। उन्हीं समुद्र की लहरों में जब हलचल उठती है, तो हमें लगता है कि हम उसमें डूब जाएंगे। फिल्म 'गहराइयां' के पात्र वास्तविक जीवन के रिश्तों में उसी भ्रम और भावनाओं के प्रवाह को दिखाने की कोशिश करता है। फिल्म में अलीशा (Deepika Padukone) और जैनूर ( Siddhant Chaturvedi) एक-दूसरे को एक -दूसरे की कंपनी पसंद है। लेकिन उनके रिश्ते के धागे उलझे हुए हैं। वे एक दूसरे के साथ बहुत कंफर्टेबल और सिक्योर्ड महसूस करते हैं लेकिन साथ ही साथ एक बेचैनी भी होती है।

कोई रिश्ते में बेवफाई कब और क्यों करता है?

सामान्यत: अधिकतर फिल्मों में रिश्ते की सतहीपन को दिखाया जाता है। लेकिन डायरेक्टर शकुन बत्रा (Sakun Batra) की फिल्म 'गहराइयां' की कहानी रिश्ते की गहराई में चली जाती है। हिंदी सिनेमा में ऐसी फिल्में बहुत कम ही देखने को मिलती है। फिल्म स्पष्ट रूप से वुडी एलेन की मनोवैज्ञानिक थ्रिलर मैच प्वाइंट (2005) से प्रेरित है। डायरेक्टर शकुन बत्रा ने फिल्म में इंटिमेसी को कुछ इस तरह से दिखाया है कि आप फिल्म में फिजिकल लव से ज्यादा कुछ देखना चाहेंगे।

कास्टिंग इससे बेहतर नहीं हो सकती थी

इस फिल्म के माध्यम से शकुन बत्रा पर्दे पर प्यार और पारिवारिक रिश्तों की परतों को बिना फिल्टर किए चित्रित करने में सफल रहे हैं। इसकी एक झलक 'कपूर एंड संस' में भी देखने को मिली थी। वे किसी व्यक्ति के जटिल व्यवहार के हर पहलू को अपनी कहानी में रखते हैं। यह उन चीजों को भी जगह देता है जिन्हें फिल्म की कहानी में शामिल करना अक्सर मुश्किल होता है। दीपिका पादुकोण ने एक बार फिर से अपने अभिनय से छाप छोड़ी है। यहां तक ​​कि सिद्धांत ने भी अपनी भूमिका निभाने में संकोच नहीं किया। उनके किरदार में भी कई परतें हैं। दोनों का अभिनय काबिले तारीफ है। दोनों के दिलों में भावनाओं का तूफान है लेकिन चेहरे पर शांति दिखाई पड़ती है। इस भूमिका को दीपिका और सिद्धांत ने बखूबी बयां किया है। फिल्म की कहानी के मुताबिक कास्टिंग इससे बेहतर नहीं हो सकती थी। फिल्म के रोमांच को पर्दे पर लाने में सिनेमैटोग्राफी और साउंड ने अहम भूमिका निभाई है।

फिल्म की कहानी

अलीशा (Deepika Padukone) एक योग प्रशिक्षक हैं और ज़ैन (Siddhant Chaturvedi) रियल एस्टेट व्यवसाय में हैं। पहली मुलाकात में ही दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। समय के साथ दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगती है। लेकिन भावनाओं से परे एक असली दुनिया भी होती है जहां उनके रिश्ते की हकीकत कुछ और ही होती है। ज़ैन अलीशा की चचेरी बहन टिया (Ananya Pandey) का मंगेतर होता है। अलीशा छह साल से करण ( Dhairya Karwaan) के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में होती है। अलीशा और ज़ैन के रिश्ते की हकीकत एक फिसलन के समान नजर आती है। इस तरह से 'गहराई' आधुनिक दिनों के रिश्तों को संदर्भित करता है।

कहां पर चूक हुई

हालांकि फिल्म में कुछ ऐसा है जो चुभता है और वह है फिल्म की लंबाई। फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ जानकारी देने का भी प्रबंधन करती है। सेकेंड हाफ में फिल्म इस तरह आगे बढ़ती है कि आप सोच में पड़ जाते हैं कि यह किस दिशा में जा रही है। 2 घंटे 28 मिनट की यह फिल्म कभी-कभी उबाऊ, यहां तक ​​कि थका देने वाली भी लग सकती है। हालांकि कुल मिलाकर फिल्म में बहुत कुछ ऐसा है जो दिल को छू जाता है। अगर आप कुछ अलग देखना चाहते हैं तो 'गहराईयां' निराश नहीं करेगी।

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