शमशाद बेगम ने परिवार से बगावत कर की थी हिंदू लड़के से शादी

हिंदी सिनेमा में लता मंगेशकर को टक्कर देने वाली महान गायिक शमशाद बेगम की आज जंयती है। शमशाद बेगम वही है जिन्होंने ..

published by :  Shweta
Update: 2021-04-14 01:19 GMT

शमशाद बेगम ( सोशल मीडिया)

नई दिल्लीः हिंदी सिनेमा में लता मंगेशकर को टक्कर देने वाली महान गायिक शमशाद बेगम की आज जंयती है। शमशाद बेगम वही है जिन्होंने मेरे पिया गये रंगून और लेके पहला पहला प्यार आंखो में खुमार जादू नगरी से आया है कोई जादूगर गाने को हमेशा के लिए अमर कर दिया। आज भी लोग इनके गाने को सुनते हैं। इतना ही नहीं शमशाद बेगम अपने पर्सनल लाइफ में बहुत अलग रही तो चलिए जानते हैं इनके जन्मदिन पर कुछ खास बाते।

बता दें कि शमशाद बेगम का जन्म 14 अप्रैल 1919 में पंजाब के अमृतसर में हुआ। बेगम शुरुआत के दिनों में बतौर रेडियो पर काम किया। बेगम को बचपन से ही गाने का शौक रहा। यही कारण है कि बेगम ने अपने इस सपने को सच करने के लिए रेडियो पर काम करना शुरू किया।

बताया जाता है कि शमशाद बेगम के चाचा ने उनके सपने को सच करने में सबसे ज्यादा योगदान दिया। बेगम के चाचा लाहौर ने एक म्यूजिक कंपनी में ऑडीशन दिलाने ले गए। जहां पर गुलाम हैदर ने उनका टेस्ट लिया। बेगम की सुरीली आवाज गुलाम हैदर को इतनी पसंद आई की उन्हें एक ही बार में 15 गानों का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया।

मुस्लिम परिवार से होने के बाद कैस किया हिंदू लड़के से शादीः 

आपको बता दें कि शमशाद बेगम कट्टवादी मुस्लिम परिवार से तालुकात रखती थीं। इसके बावजूद वह अपना दिल एक हिंदू लड़के को दे बैठी। जिनका नाम गणपत लाल हैं और यह पेशे से वकील हैं। बेगम अपने परिवार से बगावत कर 15 साल की उम्र में गणपत लाल से शादी कर ली। गणपत ने शमशाद बेगम का हर कदम पर साथ दिया।

क्या आप जानते हैं पहली बार गाने पर सिर्फ इतने रुपये मिले थेः

शमशाद बेगम उस समय की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली गायिका रही। बेगम जब पहली बार गाना गायी तो उन्हें सिर्फ 15 रुपये मिले थे। इसके बाद से शमशाद बेगम पीछे मुड़ कर नहीं देखी। इनके साथ एसडी बर्मन और ओ पी नैयर जैसे महान संगीतकार काम कर चुके हैं।

आपको बताते चले कि शमशाद बेगम के चर्चित गीतों में 'कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना, कजरा मोहब्बत वाला, ऐसी कई गाने हैं जो आज के दौर में सबसे ज्यादा गया जाता है। संगीत के अपने करियर में इन्होंने कई भाषाओं में 6,000 से ज्यादा गाने गाए हैं। जिसके कारण शमशाद बेगम को साल 2009 में पद्म भूषण से नवाजा गया।

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