Heeramandi Release Time: हीरामंडी कितने बजे होगी रिलीज व कुल कितने एपिसोड हैं, जाने सब कुछ

Heeramandi Netflix All Episode: हीरामंडी द डायमंड बाजार को लेकर दर्शकों का इंतजार हुआ खत्म, इतने बजे से दर्शक देख सकते हैं, नेटफ्लिक्स पर हीरामंडी

Written By :  Shikha Tiwari
Update:2024-05-01 10:50 IST

Heeramandi The Diamond Bazaar Netflix  

Heeramandi All Episoed Netfilx Release Date & Time: संजय लीला भंसाली की मोस्ट अवेटेड वेब-सीरीज हीरामंडी द डायमंड बाजार (Heeramandi The Diamond Bazaar) ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर आज रिलीज होने जा रही है। इस वेब-सीरीज की स्टार कास्ट व ट्रेलर ने पहले ही दर्शकों की उत्सुकता को बढ़ा दिया हैं। इसी बीच निर्देशक संजय लीला भंसाली ने हीरामंडी की ग्रैंड स्क्रीनिंग होस्ट की थी। जिसमें बॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार सलामन खान, आलिया भट्ट, विक्की कौशल, रेखा व जेनेलिया देशमुख व अन्य लोग शामिल हुए थे। तो वहीं आज हीरामंडी द डायमंड बाजार की कास्ट ने मीडिया के सामने बताया की संजयलीला की अपकमिंग वेब-सीरीज हीरामंडी द डायमंड बाजार (Heeramandi Review In Hindi) कैसी है। चलिए जानते हैं कि हीरामंडी द डायमंड बाजार (Heeramandi Netflix) कैसी वेब-सीरीज है और ये दर्शकों को कितनी पसंद आने वाली है।

हीरामंडी द डायमंड बाजार नेटफ्लिक्स पर इतने बजे रिलीज होगी (Heeramandi The Diamond Bazaar Release Timing Netflix)-

संजय लीला भंसाली की फिल्म हीरामंडी का पोस्टर जबसे रिलीज हुआ है। इस फिल्म को देखने के लिए दर्शको की उत्सुकता काफी ज्यादा बढ़ गई है। बता दे कि Heeramandi: The Diamond Bazaar वेबसीरीज Netflix पर 1 मई 2024 (Heeramandi Release Date) को रिलीज होगी। तो वहीं दर्शक इसे नेटफ्लिक्स पर 1.30 बजे के करीब देख सकेंगे।

हीरामंडी सीरीज के कुल कितने एपिसोड हैं? (Heeramandi How Many Episode)-

हीरामंडी वेब-सीरीज जो आज Netflix पर रिलीज होने वाली हैं। इसमें कुल 12 एपिसोड (Heeramandi All Episode) हैं, जिसे आप जाकर आज नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर सकते है। 

हीरामंडी द डायमंड बाजार रिव्यू (Heeramandi The Diamond Bazaar Review In Hindi)-

मुंबई में हीरामंडी द डायमंड बाजार (Heeramandi The Diamond Bazaar Review) के लिए लगभग 1 लाख 60 हजार स्क्वायर फुट का एक बड़ा सेट बनाया गया है. संजय लीला भंसाली व्यक्तिगत रूप से इसकी हर छोटी से छोटी चीज पर गौर किया हैं। कलाकारों के लुक से लेकर, सेट की बारीकियां और आर्ट डिजाइन तक, हर एक बारीकियों पर ध्यान दिया है। हीरामंडी में दर्शक मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, ऋचा चड्डा, शर्मिन सहगल आदि सितारे एकसाथ नजर आने वाले हैं।

इस वेब-सीरीज में अदाकाराएं रजवाड़े अवतार में नजर आ रही है। संजय लीला भंसाली की फिल्म हीरामंडी पाकिस्तान की हीरामंडी पर आधारित है। फिल्म में आजादी से पहले व बाद की कहानियों को दर्शाया गया हैं। हीरामंडी आपको तवायफों की जादू भरी दुनिया की सैर कराएगी। हीरामंडी का दर्शकों को काफी लंबे समय से इंतजार था। हीरामंडी को बनाने में संजय लीला भंसाली को 12 साल से ज्यादा का समय लग गया। हीरामंडी की कहानी आपके दिलों को छू लेगी। हीरामंडी (Heeramandi Review) में आपको तवायफों के उस दर्द का एहसास होगा, जिससे आज भी लोग अंजान हैं। और इसके साथ ही पाकिस्तान की हीरामंडी की सच्चाई से भी आपका सामना होगा।

हीरामंडी (Heeramandi Review) में हर एक कलाकारों के किरदारों ने अपने आप में ही एक कहानी को बयां किया है। फिल्म की सभी कलाकारों ने अपने किरदारों को बखूबी से निभाया है। तो वहीं आपको हीरामंडी में ये भी देखने को मिलेगा कि कैसे तवायफों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई थी। कुल मिलाकर Heeramandi The Diamond Bazaar एक शानदार वेब-सीरीज हैं। संजय लीला भंसाली की महेनत रंग लाई है।

हीरामंडी द डायमंड बाजार कास्ट (Cast Of Heeramandi Web Series) -

संजय लीला भंसाली की वेबसीरीज हीरामंडी में सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha), ऋचा चड्ढा (Richa Chaddha), अदिति राव हैदरी, मनीषा कोइराला, शर्मिन सहगल और संजीदा शेख के अलावा शेखर सुमन, फरदीन खान, अध्ययन सुमन और फरीदा जलाल भी मुख्य किरदार में नजर आएंगे।

क्या हीरामंडी एक सच्ची कहानी है (Heeramandi Web Series Story In Hindi)

Heeramandi: The Diamond Bazaar का पोस्टर देखकर हर किसी के मन में एक ही सवाल है, कि क्या हीरामंडी वेबसीरीज की स्टोरी (Heeramandi Ki Story Kya Hain) एक सच्ची घटना पर आधारित है कि नहीं, चलिए आज हम आपको बताते है। बता दे कि 14 साल पहले मोईन बेग ने संजय लीला भंसाली को लाहौर की तवायफों पर केंद्रित एक फिल्म बनाने का प्रस्ताव रखा था। हीरामंडी द डायमंड बाजार की कहानी लाहौर के तवायफो पर आधारित है। बता दे कि पाकिस्तान के लाहौर में पहले हीरामंडी नाम का एक अनाज बाजार हुआ करता था। लेकिन समय के साथ वहाँ पर बदलाव होता गया, जिसके बाद 15वीं और 16वीं शताब्दी में एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र बन गया। धीरे-धीरे मुग़ल अपने ऐशों-आराम के लिए कथक जैसे शास्त्रीय डांस परफॉर्मेंस के लिए अफगानिस्तान और उज़्बेकिस्तान से महिलाओं को लाते थे।जिसके बाद इसे शाही मोहल्ला के नाम से भी जाना जाने लगा।

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