VIDEO: हरिओम अपने फैन्स की मांग पर लाए नया वर्जन, सुनें 'फिर सिकंदर—रंग का दरिया'
लखनऊ: बतौर IAS प्रशासनिक सेवा के जरिए जनता के बीच अपने काम की छाप छोड़ने वाले डा हरिओम को गजल गायिकी में भी महारत हासिल है। 10 साल पहले जब उन्होंने 'सिकंदर हूं मगर हारा हुआ हूं' शेर लिखा था। तब किसी को अंदाजा नहीं था कि यह शेर लोगों को इतना भाएगा कि उनके डिमांड पर डॉक्टर हरिओम को यह गजल नये वर्जन में पेश करना पड़ेगा।
ये भी देखें:मोदी जैकेट के दीवाने हैं कोरियाई राष्ट्रपति, उसे पहन जाते हैं ऑफिस
ये भी देखें:इस त्योहार खुद को बनाएं और भी खूबसूरत
दिलचस्प यह है कि अब डॉ हरिओम कहीं भी जाते हैं तो उनके चाहने वाले उनसे इसी ग़ज़ल को सुनना चाहते हैं। इस पॉप्युलर ग़ज़ल की धुन मशहूर ग़ज़ल गायक हुसैन बंधुओं ने बनाई थी। जो ग़ज़ल गायकी में हरिओम के उस्ताद भी हैं। हुसैन बंधु भी इस ग़ज़ल को अक्सर मंचों पर गाते हैं। खास यह है कि इस बार ग़ज़ल के शेर भी एकदम नए हैं और संगीत भी। एक बार फिर ग़ज़लों के सिकंदर डॉक्टर हरिओम की गायकी का जलवा उनके लाखों चाहने वालों ग़ज़ल के दीवानों के सर चढ़कर बोलने को तैयार है। Moxx Music Company ने हरिओम के इस नए प्रयास को आगे बढाने का बीड़ा उठाया है।
ये भी देखें:छत्तीसगढ़ चुनाव: कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी दफ्तर में जमकर तोड़फोड़
लिरिक्स
मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूँ
सिकंदर हूँ मगर हारा हुआ हूँ
पता मेरा हवा से पूछ लेना
मैं ख़ुशबू बनके आवारा हुआ हूँ
नहीं अब मंज़िलों की चाह मुझको
तेरी गलियों का बंजारा हुआ हूँ
मुरादें माँग ले ऐ दोस्त तू भी
मैं इक टूटा हुआ तारा हुआ हूँ
उडूँगा रोशनी के पंख लेकर
नई दुनिया का हरकारा हुआ हूँ