International Womens Day Special:बॉलीवुड में प्रभावी हो गईं है महिला प्रधान फिल्में भी
आज यानि 8 मार्च को हम सभी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं।हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हमेशा से ही महिलाओं पर आधारित फिल्में बनाती आई है
International Women's Day:आज यानि 8 मार्च को हम सभी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। ऐसे में हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हमेशा से ही महिलाओं पर आधारित फिल्में बनाती आई है जो लोगों द्वारा काफी पसंद भी की जाती रही है।महिला दिवस के दिन महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई जगह कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।आज से नहीं बल्कि कई सालों से महिलाओं को उनके अधिकार मिल सकें इसके लिए प्रेरित भी किया जाता रहा है।और ऐसे में हमारी फिल्में अहम भूमिका निभाती आईं हैं।भारत एक ऐसा देश है जहाँ फिल्में और क्रिकेट लोगों के दिलों में अपनी खास जगह रखतें हैं।लोगों के लिए फ़िल्मी सितारे उनके आदर्श भी होते हैं वो उनसे, उनके किरदारों से प्रेरित होते हैं।जिसे न सिर्फ स्टार्स समझते हैं बल्कि फिल्म डायरेक्टर और प्रोडूसर भी बखूबी जानते हैं।
आइये जानते हैं बॉलीवुड की महिला आधारित मूवीज के बारे में
कंगना रनौत(Kangna Ranaut)-अगर हम बात करें कंगना रनौत की तो उन्होंने कई ऐसी फिल्में की हैं जो महिलाओं के किरदार के ही इर्द गिर्द घूमती है।चाहे बात करें क्वीन की या तनु वेड्स मनु की इसके अलावा कंगना ने कई फिल्मों में रियल हीरोज़ को भी पोट्रे किया है।फिर चाहे वो मणिकर्णिका (Manikarnika )में उनकी झांसी की रानी की भूमिका हो या थलाइवी(Thalaivi )में अभिनेत्री और पॉलिटिशियन जयललिता (Jayalalitha) की भूमिका हो।उन्होंने किरदारों को बखूबी निभाया।
विद्या बालन(Vidhya Balan )-विद्या भी उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्होंने अपने दम पर फिल्म को नया नजरिया दिया ।कहानी मूवी में जहाँ पूरी फिल्म में उन्होंने दर्शकों को सस्पेंस में रखा तो वहीँ डर्टी पिक्चर में सिल्क स्मिता की स्टोरी को बखूबी निभाया।इसके अलावा उन्होंने मैथ्स की क्वीन शकुंतला देवी की ज़िन्दगी पर आधारित मूवी शकुंतला देवी (Shakuntala Devi)भी की।
स्मिता पाटिल(Smita Patil)- स्मिता पाटिल का नाम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बेहतरीन एक्ट्रेसेस के नामों में शुमार है। उन्होंने कई ऐसी फिल्में की हैं जो महिला किरदार के इर्द गिर्द घूमती है। चाहे बात करें मिर्च मसाला (Mirch Masala),आखिर क्यों(Akhir kyu),बाज़ार(Bazaar) ,वारिस(Varis),मंथन(Manthan)जैसी कई फिल्मों में उनकी दमदार भूमिका रही है।
श्रीदेवी(Sridevi)-फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान रखने वाली श्रीदेवी भी उन्ही कुछ अभिनेत्रियों में शुमार हैं जिन्होंने चांदनी(Chandni),लम्हे(Lamhe),चालबाज़ (Chalbaaz) इंग्लिश विंग्लिश(English Vinglish) जैसी फिल्मों में किरदारों को दमदार तरीके से पेश किया।
क्यों मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय महिला दिवस
कहा जाता है कि एक महिला सारे रिश्तों को एक माला में पिरोकर रखती है और महिलाओं का योगदान किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कहीं ज्यादा ही होता है। वो घर को संभालती है और ऑफिस की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाती है। यही नहीं देश की तरक्की में भी महिला मुख्य भूमिका निभाती हैं। महिलाओं को उनके कार्यों के लिए विशेष सराहना देते हुए ही हर साल 8 मार्च को पूरे देश ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है। जिससे पूरा विश्व महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना सके।इस दिन के पीछे का इतिहास लगभग 108 साल पुराना है। वर्ष 1909 में, सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को मनाया जब लगभग 15,000 महिलाओं ने साथ आकर न्यूयॉर्क में कम वेतन, लंबे काम के घंटे और मतदान के अधिकारों की कमी का विरोध किया। उन महिलाओं की मांग थी कि उन्हें बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान करने का पूर्ण अधिकार भी दिया जाए। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया। यह वर्ष 1911 था जब रूस ने 8 मार्च को महिला दिवस मनाना शुरू किया था।