Sufi Singer Kailash Kher: खुदकुशी करने की सोची थी एक समय कैलाश खेर ने, ये थी वजह

Sufi Singer Kailash Kher: इंडियन पाप रॉक स्टार कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश में हुआ वे एक भारतीय पॉप-रॉक गायक है जिनकी शैली भारतीय लोक संगीत से प्रभावित है।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Monika
Update:2021-07-06 07:33 IST

Sufi Singer Kailash Kher: कैलाश खेर (Kailash Kher) आज एक बड़ा नाम हैं। सोशल मीडिया हो या न्यूज वह सुर्खियों में छाए रहते हैं। कैलाश खुद अपने बारे में कहते हैं कि अडियल बैरागी हूँ ज़िद्दी अनुरागी हूँ। यह लाइन ट्वीटर पर उनके प्रोफाइल में टैग है। ऐसा नहीं है कि कैलाश रातों रात छा गए। मुंबई जल्दी किसी को अपनाती नहीं है। कैलाश को भी कई सालों तक स्ट्रगल करने के बाद फिल्म अंदाज से ब्रेक मिला। इस फिल्म में कैलाश ने 'रब्बा इश्क ना होवे' में अपनी आवाज दी। लेकिन उनकी किस्मत का सितारा तब चमका जब उन्होंने फिल्म वैसा भी होता है में 'अल्ला के बंदे हम' गाने में अपनी आवाज दी। ये गाना आजतक कैलाश के हिट गानों में से एक है। हाल ही में कैलाश खेर तब चर्चा में आए जब उनके फाउंडेशन ने दमोह को दस आक्सीजन कंस्ट्रेटर दिये। इसके अलावा फाउंडेशन ने एक ट्वीट में कहा वितरण अभियान भारत के दक्षिण से उत्तर पश्चिम तक जारी है। कैलाश खेर के गतिशील और दयालु नेतृत्व में मुकुल माधव के सहयोग से #राजसमंद #राजस्थान के 1000 से अधिक परिवारों को किराना, स्वच्छता किट वितरित करके बेहद खुशी हो रही है।

प्ले बैक सिंगर कैलाश खेर (फोटो: सोशल मीडिया )

वह अपने प्रशंसकों का भी ख्याल रखते हैं एक प्रशंसक ने ट्वीट किया, @Kailashkher साहब, हम आपके बहुत बड़े फैन हैं और कई सालो से इच्छा रख रहे हैं की आप श्री तांडव स्त्रोत्रम का पूरा वर्जन गाए। आपकी आवाज में सुनने को आपके कई चाहनेवाले तरस रहे हैं। इस विषय में कृपया जल्द से जल्द विचार करिएगा। कैलाश खेर ने तुरंत जवाब दिया प्रशंसा हेतु धन्यवाद आपका। कुछ विधिगत बाधाएं हैं, जिन कारणों से विलम्ब हो रहा, तत्पश्चात् भी प्रयत्नशील हैं।

 लंबे बालों में कैलाश खेर (फोटो: सोशल मीडिया )

18 भाषाओं में गाए गाने 

इंडियन पाप रॉक स्टार कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश में हुआ वे एक भारतीय पॉप-रॉक गायक है जिनकी शैली भारतीय लोक संगीत से प्रभावित है। कैलाश खेर ने अबतक 18 भाषाओं में गाने गाये है और 300 से अधिक गीत बॉलीवुड में गाये हैं।

कैलाश खेर को संगीत विरासत में मिला है। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर पुजारी थे और अक्सर घरों में होने वाले कार्यक्रमों में परंपरागत लोकगीत गाया करते थे। कैलाश ने बचपन में पिता से ही संगीत की शिक्षा ली। लेकिन उनके पिता कभी भी बॉलीवुड गाने सुनना पसंद नहीं करते थे और ना ही सुना करते थे।

कैलाश जब 13 साल के थे तभी वो संगीत की बेहतर शिक्षा लेने के लिए घरवालों से लड़कर दिल्ली आ गए थे। यहां आकर उन्होंने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी लेकिन पैसो का भी संकट था तो आमदनी के लिए विदेशी लोगों को संगीत भी सिखाने लगे।इससे उन्हें करीब डेढ सौ रुपये मिल जाते थे। कैलाश ने महान संगीतकारों के गानों को सुनकर संगीत की शिक्षा ली, जिसमें से प्रमुख थे पंडित कुमार गंधर्व, पंडित भीमसेन जोशी, पंडित गोकुलोत्सव महाराज।

 शूट के दौरान कैलाश खेर की तस्वीर (फोटो : सोशल मीडिया )

शुरू किया था एक्सपोर्ट का बिजनेस

दिल्ली में रहते हुए कैलाश खेर ने अपने दोस्त के साथ एक्सपोर्ट का बिजनेस शुरू किया। इस में उन्हें इतना बड़ा घाटा हुआ, जिसमें वह अपनी सारी जमा पूंजी गंवा बैठे। इस वक्त कैलाश बुरी तरह टूट गए। इतने डिप्रेशन में चले गए थे कि वो जिंदगी से तंग आकर सुसाइड करना चाहते थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।कैलाश पैसे कमाने के लिए सिंगापुर और थाइलैंड चले गए। छह महीने बाद लौटे तो साधु संतों की संगत में पड़कर ऋषिकेश चले गए। कुछ समय तक वहां रहे। कहते हैं कैलाश खेर के गायन में सूफियाना अंदाज ऐसी वजह से आया। हालांकि कैलाश यह कहते हैं कि उनके जीवन में जो संगीत आया है उसमें गंगा के तट ऋषिकेश का बहुत बड़ा योगदान है।

कैलाश का प्रयास है कि संगीत से समाज के लिए कुछ ऐसा हो जो लोगों के जीवन को संगीतमय बना दे। बात चाहे स्वच्छता की हो या फिर संगीत की उनका जीवन हमेशा इसके लिए समर्पित रहेगा। ऋषिकेश में वे साधू-संतो के लिए गाना गाया करते थे। कैलाश के गाने को सुनकर संत झूम उठते थे, इससे कैलाश का खोया विश्वास लौट आया और वह मुंबई चले गए।

लाइव शो करते कैलाश खेर (फोटो : सोशल मीडिया )

मुंबई के चॉल में रहते थे सिंगर 

मुंबई में भी कैलाश ने काफी गरीबी में दिन गुजारे। घर में नहीं बल्कि कैलाश चॉल में रहते थे। उनके हालत कैसे थे वो इसी बात से पता चलता है कि उनके पास पहनने के लिए एक सही चप्पल भी नहीं थी। वह एक टूटी चप्पल ले 24 घंटे स्टूडियो के चक्कर लगाते रहते ताकि कोई तो उनकी आवाज को सुन उनको गाने का मौका दे दे।

एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5000 रुपए मिले। तब पांच हजार रुपए भी कैलाश को बहुत ज्यादा लगे और इनसे उनका कुछ दिन का काम चल गया। 'अल्ला के बंदे हम' ने दिलाई एक अलग पहचान दिलाई।

300 से अधिक गाने कैलाश ने सिर्फ बॉलीवुड में गाए हैं। कैलाश को अपने गानों के लिए दर्जनों अवार्ड मिल चुके हैं। कैलाश खेर 2009 में मुंबई बेस्ड शीतल से शादी की। उनका एक चार साल का बेटा है, जिसका नाम कबीर है।

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