कमल हासन का बयान, गांधी का योगदान याद रहे, बस गोडसे के भूत की नहीं जरुरत

नई दिल्ली: अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्पिता महात्मा गांधी के आजादी के आंदोलन में योगदान को याद रखने के लिए नाथूराम गोडसे जैसे हत्यारे के भूत की जरूरत नहीं है।

Update: 2019-05-20 07:41 GMT

नई दिल्ली: अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्पिता महात्मा गांधी के आजादी के आंदोलन में योगदान को याद रखने के लिए नाथूराम गोडसे जैसे हत्यारे के भूत की जरूरत नहीं है।

कमल हासन ने कहा, "महात्मा गांधी के आजादी के आंदोलन में योगदान को याद रखने के लिए हमें नाथूराम गोडसे के भूत की जरूरत नहीं है। महात्मा गांधी ने अहिंसा के मार्ग के जरिए देश को आजादी दिलाई।"

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कमल हासन ने कहा कि अगर हम अपने बच्चों को ये बताएंगे कि सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के जीवन में कोई अवरोध नहीं था तो हम उनसे झूठ बोल रहे होंगे। उन्होंने कहा कि अगर नाथूराम गोडसे का भूत लोगों के जेहन से नहीं निकल रहा है तो इसका कारण भी यही है हमारे टैक्सबुक में ये बातें बताई गईं है कि गांधी के जीवन में कोई अवरोध नहीं था।

नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की 30 जनवरी, 1948 को हत्या कर दी। गोडसे ने महात्मा गांधी को अपने सेमी-ऑटोमेटिक पिस्टल से तीन गोलियां मारी थी। गांधी की हत्या की जुर्म में गोडसे पर कोर्ट ट्रायल 22 जून, 1948 को शुरू हुआ और 10 फरवरी, 1948 को कोर्ट ने गोडसे और उसके दोस्त नारायण आप्टे को फांसी की सजा सुना दी। गोडसे ने खुद को सुनाई गई सजा स्वीकार ली थी और उसने ऊपरी अदालत में सजा के चैलेंज नहीं किया।

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