देवियों और सज्जनों ! इनसे मिलिए ... ये हैं KBC 9 के सीक्रेट सुपरस्टार

कौन बनेगा करोड़पति' का सीजन-9 भी समाप्त हो गया। इसी शो से प्रसिद्धि पाने वाले दो कैरेक्टर 'देवीजी' और 'सज्जनजी' से आइए आपको परिचित करवाएं।

Update:2017-11-06 18:34 IST
देवियों और सज्जनों ! इनसे मिलिए ... ये हैं KBC 9 के सीक्रेट सुपरस्टार

संज्ञा ओझा

मुंबई : 'कौन बनेगा करोड़पति' के ग्रैंड फिनाले के साथ ही सोनी एंटरटेनमेंट का यह बहुचर्चित शो भी समाप्त हो गया। लेकिन, हम आपको बताने जा रहे हैं केबीसी 9 के उन दो सीक्रेट सुपर स्टार के बारे में, जो टीवी स्क्रीन पर तो नजर नहीं आए। लेकिन, उनकी कला ने लोगों के दिलों को छू लिया। हम बात कर रहे हैं इस शो से प्रसिद्धि पाने वाले दो कैरेक्टर 'देवीजी' और 'सज्जनजी' की। आइए, आपको भी इनसे मिलवाते हैं।

इस बार कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) सीजन 9 को कुछ नए अंदाज में पेश किया गया। इस शो के आकर्षण का केंद्र रहे दो पपेट कैरेक्टर, जिनका नाम है देवीजी और सज्जनजी। जिन्होंने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई और जनता से खूब प्यार और प्रशंसा मिली।

अमिताभ बच्चन के शो में उनके शब्दों 'देवियों और सज्जनों' से 'देवी-सज्जन' कठपुतली पात्रों को लिया गया। 17 साल से केबीसी में अमिताभ लोगों को देवियों और सज्जनों से ही संबोधित करते रहे हैं। इसलिए इस सीजन में देवी और सज्जन जो कि पटना से हैं, ने इस भव्य शो के सभी कंटेस्टेंट और दर्शकों से मिलने और उनके साथ बातचीत करने के लिए केबीसी में आने का फैसला किया।

केबीसी में देवी जी और सज्जन जी के करेक्टर को लोगों ने काफी पसंद किया और उनकी जुगलबंदी पर ठहाके भी लगाए। सभी के दिमाग में एक सवाल उठता है कि आखिरकार ये असल में हैं कौन और इस पात्र को कौन निभाता है और कैसे?

चूंकि अब शो खत्म हो चुका है इसलिए आज हम इस रहस्य से पर्दा उठाने जा रहे हैं कि इन प्यारे कैरेक्टर के पीछे की आवाज आखिर किसकी है। कठपुतली का खेल दिखाने वाले (puppeteers) संध्या ओझा और हाशिम हैदर, जिनकी संस्था 'The Puppetarians, मुंबई में है।

देवीजी की भूमिका संज्ञा और सज्जनजी की भूमिका हाशिम ने निभाई। अपने हाथों में कठपुतलियां को पहनकर दोनों एक साथ जुगलबंदी कर इन कैरेक्टरों की आवाज निकालते हैं। ऐसा सोचना गलत है कि ये कैरेक्टर कार्टून हैं।

संज्ञा कहती हैं कि ये फिजिकल पपेट्स हैं, जो शूट पर कठपुतली द्वारा निभाया जाता है। उनका कहना है कि हम केबीसी में जो कुछ भी करते हैं उसे वीडियो पपेट्री या टेलीविजन पपेट्री कहा जाता है। यह विस्तृत तकनीकों और दिशानिर्देशों के साथ एक बहुत विशिष्ट कला है। इसका अर्थ मूल रुप से लाइव ऑडियंस के बजाए कैमरे में कठपुतली का खेल दिखाना है।

कैमरे के सामने परफॉर्म करने के लिए अलग-अलग आवश्यकताएं हैं। कैमरे में पपेट्स को काफी नजदीक से दिखाया जाता है। ताकि उसके हाव-भाव को स्क्रीन पर स्पष्ट रुप से देखा जा सके। अपने हाथों से कठपुतली के इस खेल को टेलीविजन पर दिखाना बहुत ही अद्भुत कला है।

वहीं हाशिम कहते है कि 'वीडियो पपेट्री के लिए सेट अप भी काफी अलग है। यहां पर puppeteer भी मॉनिटर में उनके परफॉर्मेंस को देखता है। वह देखता है कि कैमरे में पूरा शूट किस तरह से हो रहा है। इस तरह पपेटीयर जानता है कि परफॉरमेंस को किस तरीके से कैमरे के फ्रेम में पपेट्स के मूवमेंट को किस हद तक दर्शकों के सामने पेश करना है। उनका कहना है कि यही कारण है कि वीडियो पपेटीयर के लिए विशेषज्ञता और अनुभव का होना बहुत जरुरी है।

सीक्रेट्स पर बात करते हुए हाशमी कहते हैं कि देवीजी और सज्जनजी के पैर भी नहीं हैं। वे हमेशा से ही छोटे कद के है। उनका कहना है कि परफॉर्म करते समय हम भ्रम पैद करते हैं कि इनके पैर हैं। कठपुतलियां बेजान प्राणी हैं। लेकिन, एक पपेटीयर के तौर पर हमारा काम उनके अंदर जान डालना और अपने काम को अच्छी तरह निभाना है। इस तरह के परफॉरमेंस को हासिल करने के लिए विशिष्ट कठपुतली तकनीक की जरुरत है।

हाशिम ने बताया कि उन्होंने और संज्ञा ने मार्टिन पी रोबिंसन (यूएस) से इस तकनीक को सीखने के लिए ट्रेनिंग ली। यहां तक पहुंचने के लिए कई सालों तक अभ्यास किया है।

संज्ञा ने बताया कि उन्होंने अपना पपेट्री करियर साल 2006 में टीवी सीरीज-सेस्मे स्ट्रीट के भारतीय संस्करण और लोकप्रिय कार्यक्रम 'गली गली सिम सिम' से शुरू किया। यह प्री-स्कुलर्स के लिए टेलिविजन प्रोग्राम है, जिसमें कठपुतलियों को मुख्य कलाकार के रुप में रखा गया है।

हाशिम और संज्ञा ने अपना पपेट्री बिजनेस शुरू करने से पहले इस सीरीज के काफी सारे कैरेक्टर को निभाया और परफॉर्म किया था। साल 2011 में दोनों ने ‘The Puppetarians’ का गठन किया। यह भारत में कठपुतली और शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन के स्तर का उत्थान करने के दृष्टिकोण के साथ बनाई गई एक प्रकार की कठपुतली डिजाइन और परफॉरमेंस कंपनी है। इसलिए दोनों ने टेलीविजन पपेट्री शुरू किया।

संज्ञा ने जिक्र किया है कि ‘The Puppetarians’ की पहल के साथ ही उन्होंने कई लाइव शो, वर्कशॉप किए। कठपुतली की इस अद्भूत कला को बच्चों से लेकर वयस्कों तक पहुंचाया। छोटे और बड़े शहरों, हर उम्र के लोगों से खूब प्यार मिला और लोगों ने इसे काफी पसंद किया। इस मिशन के साथ ही कठपुतली को लोकप्रिय बनाने और लोगों के मनोरंजन के लिए टेलीविजन शो में परफॉर्म करना शुरू किया।

 

Tags:    

Similar News