BirthdaySpecial: ...जब 4 शादियां करने के बाद भी 'अकेले' रह गए किशोर दा

ज़ाहिर है, उनकी ये बातें उनके भीतर की बेचैनी और तड़प को दिखाता है कि मुंबई में रहते हुए भी इतनी कामयाबी के बाद भी वो कितने अकेले थे! अपनी आवाज़ की जादूगरी से दुनिया भर के तमाम फैंस के दिलों पर किशोर दा आज भी राज कर रहे हैं।

Update:2019-08-04 10:39 IST
BirthdaySpecial: ...जब 4 शादियां करने के बाद भी 'अकेले' रह गए किशोर दा

मुंबई: आज किशोर कुमार का जन्मदिन है। किशोर कुमार अपनी निजी जिन्दगी से ज्यादा गायकी की वजह से मशहूर हुए। लेकिन, वो बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार थे। किशोर कुमार ने फ़िल्म से जुड़ा हर काम किया। अभिनेता के रूप में वो कॉमेडी के रंग में भी उतने ही चटकीले थे, जितने संवेदनशील दृश्यों में जीवंत! गायन और अभिनय के अलावा उन्होंने फ़िल्म निर्माण और निर्देशन में भी अपने जौहर दिखाये। उनके जीवन में एक ऐसा समय भी आया था जब उन्हें दूरदर्शन पर बैन का भी दंश झेलना पड़ा था।

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बचपन में देखा था ये सपना

किशोर कुमार का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा में 4 अगस्त, 1929 को हुआ था। उनके बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था। किशोर के पिता कुंजलाल गांगुली एक बड़े एडवोकेट और मां गौरी देवी काफी रईस परिवार से ताल्लुक रखती थीं। चार भाई बहनों का उनका परिवार काफी खुशहाल था। किशोर कुमार जब छोटे थे तभी उनके सबसे बड़े भाई अशोक कुमार एक फेमस एक्टर बन चुके थे। बालक आभास यानी किशोर कुमार का बस यही सपना था कि वो अपने भाई अशोक कुमार से ज्यादा पैसे कमाना चाहते थे और अपने फेवरेट सिंगर के एल सहगल की तरह गीत गाना चाहते थे।

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इंदौर से तय किया मुंबई का सफर

इंदौर से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद किशोर कुमार मुंबई अपने बड़े भाई अशोक कुमार के पास आ गए। जहां उन्होंने बॉम्बे टॉकीज के लिए कोरस गाना शुरू किया। 1948 में फ़िल्म 'ज़िद्दी' के लिए खेमचंद प्रकाश के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार ने अपना पहला गाना गाया- 'मरने की दुआएं क्यों मांगूं...'। वहां से किशोर कुमार की कामयाबी का सफ़र शुरू हो गया।

आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रतिबंध

किशोर कुमार मज़ाकिया तो थे ही मनमौजी भी थे। इमरजेंसी के वक्त कांग्रेस नेता और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी चाहते थे कि किशोर कुमार कांग्रेस की रैली में गाएं। लेकिन, किशोर कुमार ने इसके लिए मना कर दिया। नतीजतन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उन पर अनौपचारिक प्रतिबंध लगा दिया। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर उनके गाने बजने बंद हो गए। इमरजेंसी खत्म होने तक उन पर यह बैन जारी रहा।

चार शादियां की, धर्मान्तरण कराया

किशोर कुमार ने चार शादियां की थीं। किशोर कुमार ने अपनी पहली शादी 21 साल की उम्र में ही कर ली थी। उनकी पहली पत्नी बनीं- बंगाली फ़िल्मों की मशहूर अभिनेत्री और गायिका रूमा गुहा ठाकुरता। जिनसे इन्हें एक बेटा अमित कुमार हुआ। लेकिन, शादी के आठ साल बाद दोनों का तलाक़ हो गया। पहली पत्नी से तलाक़ लेने के बाद किशोर कुमार ने 1960 में बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा मधुबाला से कोर्ट में शादी की। इस शादी के बाद किशोर कुमार ने अपना धर्मान्तरण कराया, क्योंकि मधुबाला एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती थीं। इस शादी के लिए किशोर कुमार ने अपना नाम बदलकर करीम अब्दुल्ला रखा।

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23 फरवरी 1969 को मधुबाला का देहांत हो गया और उसके बाद किशोर कुमार ने 1976 में बॉलीवुड एक्ट्रेस योगिता बाली से शादी की। यह शादी सिर्फ़ दो साल तक ही चली। योगिता बाली से तलाक़ लेने के 2 साल बाद किशोर कुमार ने अपनी चौथी शादी बॉलीवुड एक्ट्रेस लीना चंद्रावरकर से 1980 में की। हालांकि लीना किशोर कुमार से उम्र में 21 साल छोटी और उनके बेटे अमित कुमार से महज़ 2 साल ही बड़ी हैं। लीना 1987 तक, जब तक किशोर कुमार जीवित रहे, उनके साथ रहीं।

मुंबई की चकाचौंध में भी 'अकेले'

किशोर कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि-"कौन मूर्खों के इस शहर (बंबई) में रहना चाहता है, जहां कोई दोस्त नहीं। हर कोई आपका इस्तेमाल करना चाहता है। क्या आप यहां किसी पर भरोसा कर सकते हैं? क्या कोई आपका दोस्त है? मैं इन सबसे दूर चला जाऊंगा। अपने खंडवा में। वो मेरे पुरखों का घर है। इस बदसूरत शहर में कौन रहना चाहता है?" बता दें कि उनके निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार खंडवा में ही हुआ। ज़ाहिर है, उनकी ये बातें उनके भीतर की बेचैनी और तड़प को दिखाता है कि मुंबई में रहते हुए भी इतनी कामयाबी के बाद भी वो कितने अकेले थे! अपनी आवाज़ की जादूगरी से दुनिया भर के तमाम फैंस के दिलों पर किशोर दा आज भी राज कर रहे हैं। उन्होंने अनगिनत गाने गाये, कई फ़िल्में अभिनेता के रूप में भी की। वह एक सच्चे कलाकार थे।

 

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