Lata Mangeshkar Love Story: स्वर कोकिला की अधूरी प्रेम कहानी, नहीं हो पाई थी महाराजा से शादी

Lata Mangeshkar Love Story: लता मंगेशकर का नाम उनकी पूरी जिंदगी में सिर्फ अफेयर से जुड़ा था। वो उस शख्स की इस कदर दीवानी थीं कि, उन्होंने कभी भी शादी नहीं की। ये शख्स और कोई नहीं बल्कि क्रिकेटर और BCCI के पूर्व अध्यक्ष थे।

Update:2022-02-05 16:15 IST

लता मंगेशकर (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Lata Mangeshkar Love Story: स्वर साम्राज्ञी या स्वर कोकिला ने प्रेम प्रसंगों पर इतने गाने गाए हैं कि गिनती करना मुश्किल है। अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज से उन्होंने दुनियाभर में जादू चलाया है। वो अपनी प्रोफेशनल लाइफ में सबसे सफल सिंगर रहीं, लेकिन निजी जिंदगी में उनकी खुद की प्रेम कहानी अधूरी ही राह गई। 

लता मंगेशकर का नाम उनकी पूरी जिंदगी में सिर्फ अफेयर से जुड़ा था। वो उस शख्स की इस कदर दीवानी थीं कि, उन्होंने कभी भी शादी नहीं की। ये शख्स और कोई नहीं बल्कि क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह (Raj Singh) थे। वे राजस्थान (Rajasthan) में डूंगरपुर (Dungarpur) के महाराजा भी थे।

क्रिकेट और प्यार

दरअसल, लता मंगेशकर को क्रिकेट का बहुत शौक था। उनके भाई हृदयनाथ (Hridaynath Mangeshkar) भी एक क्रिकेटर थे और राज सिंह उनके करीबी दोस्त थे। जब एक बार लता मंगेशकर क्रिकेट मैच देखने गई थीं तो उनकी मुलाकात राज सिंह से हुई जो उन्हें बहुत पसंद आ गए। राज भी लता कीआवाज के कायल थे। हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह की ज्यादातर मुलाकातें हृदयनाथ के घर पर होती थीं।

राज सिंह ने अपने अच्छे दोस्त की सबसे बड़ी बहन लता मंगेशकर के साथ अच्छी दोस्ती बना ली। लिया था। राज सिंह और लता के बीच हुई कई मुलाकातों के बाद दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे थे। कहा जाता है कि राज सिंह लता मंगेशकर को 'मिट्ठू' नाम से बुलाते थे। 

(फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

पेरेंट्स का विरोध

लता मंगेशकर और राज सिंह शादी (Lata Mangeshkar Marriage) करने की योजना भी बना रहे थे, लेकिन जब राज सिंह ने अपने माता-पिता को इस बारे में सूचित किया, तो उनके पिता महारावल लक्ष्मण सिंह (Maharawal Lakshman Singh) ने इस प्रपोजल को खारिज कर दिया था। इसके पीछे का कारण यह था कि, लक्ष्मण सिंह अपने बेटे की शादी गैर राजसी खानदान की लड़की से नहीं कराना चाहते थे। लक्ष्मण सिंह की जिद थी और राज सिंह अपने पिता से बेहद प्यार और उनका सम्मान करते थे।

इसी वजह से उन्होंने अपने पिता के फैसले को स्वीकार करने का फैसला किया था। राज सिंह ने लता से तो शादी नहीं की, लेकिन अपने पिता के सामने कसम खाई थी कि, वो कभी भी शादी नहीं करेंगे और उन्होंने इस कसम को अपने मरते दम तक भी निभाया। वहीं, लता ने भी पूरी जिंदगी कुंवारी रहने का फैसला किया। दोनों ने भले ही शादी नहीं की, लेकिन वो हमेशा एक अच्छे दोस्त बने रहे।

ये शादी न होने की एक अन्य वजह भी कही जाती है। कहा जाता है कि लता ने शादी न करने के पीछे की वजह अपने परिवार की जिम्मेदारी बताई थी। पिता के निधन के बाद अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता मंगेशकर ने ही अपने परिवार की देखभाल की थी। 12 सितंबर 2009 को राज सिंह डूंगरपुर की मुंबई में अल्जाइमर रोग से लंबी लड़ाई के कारण मृत्यु हो गई थी। 

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