Lata Mangeshkar Music Career: बेहद मुश्किल रहा लता मंगेशकर का संगीत का सफर, पतली आवाज कभी थी आफत

Lata Mangeshkar Music Career: लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। उनका असली नाम हेमा मंगेशकर था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक कुशल थिएटर गायक थे।

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Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-02-05 10:59 GMT

Lata Mangeshkar (Social Media)

Lata Mangeshkar Music Career: स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भारत की एक प्रसिद्ध गायिका हैं। जिन्होंने लगभग 20 भाषाओं में 30000 से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्होंने छह दशकों से अधिक समय तक अपनी सुरीली आवाज से दुनिया को सम्मानित किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया। फिल्मी दुनिया में उनकी पहचान हमेशा एक पार्श्व गायिका के रूप में रही है। कई लोग उनकी आवाज को मां सरस्वती की देन मानते हैं।

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। उनका असली नाम हेमा मंगेशकर था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक कुशल थिएटर गायक थे। हेमा के पिता ने अपने बच्चों का उपनाम मंगेशकर उनके गांव मंगेशी के नाम पर रखा था। लेकिन जैसे ही हेमा ने संगीत की दुनिया में कदम रखा, उन्होंने अपना नाम लता मंगेशकर रख लिया। इसी नाम के साथ उन्होंने अपनी मधुर और सुरीली आवाज से फिल्मी दुनिया में तहलका मचा दिया।


पिता की मृत्यु के बाद उठाई घर की सारी जिम्मेदारी

लता मंगेशकर ने 5 साल की उम्र से संगीत सीखना शुरू कर दिया था। वहीं उनकी छोटी बहन आशा भोंसले ने भी संगीत सीखा था। कुछ साल बाद उनके पिता का देहांत हो गया और इस दौरान लता महज 13 साल की थीं। पिता की मृत्यु के बाद घर की सारी जिम्मेदारी लता पर आ गई। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखकर लता ने अपनी बहनों की पढ़ाई के लिए पढ़ाई छोड़ दी। वो संगीत की दुनिया में अपना करियर बनाने की कोशिश करने लगीं। ताकि वो अपने घर का लालन- पोषण कर पाएं। 

इसलिए अविवाहित हैं लता

नवयुग चित्रपट फिल्म कंपनी के मालिक और लता के पिता के मित्र मास्टर विनायक ने उनके परिवार को संभाला और लता मंगेशकर को गायक बनने में मदद की। साल 1949 में जब आशा भोसले ने घरवालों की मर्जी के बिना शादी कर ली तो परिवार की जिम्मेदारी फिर से लता पर आ गई। घर की जिम्मेदारी को देखते हुए उन्होंने फिर से एक बलिदान दिया इस बार उन्होंने फैसला किया कि वो शादी नहीं करेंगी। इसलिए लता आजतक अविवाहित हैं। 

वर्ष 1947 में पहचान मिली

सफलता की राह किसी के लिए भी आसान नहीं होती है। आज तक सभी प्रसिद्ध लोगों ने अपने जीवन में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है। उसी तरह लता जी को म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई संगीतकारों ने उनकी पतली आवाज के कारण उन्हें काम देने से मना कर दिया लेकिन अपनी प्रतिभा से लता ने सभी का दिल जीत लिया।

लता जी को उनकी प्रतिभा के लिए वर्ष 1947 में पहचान मिली थी। जब उन्हें फिल्म 'आपकी सेवा' में एक गाना गाने का मौका मिला। 

36 भाषाओं में गाने वाली पहली महिला गायिका

इस गाने के बाद लता को फिल्मी दुनिया में पहचान मिली और एक के बाद एक कई गाने गाने के मौके मिले। उसके बाद उनके संगीत का सफर कभी नहीं रुका और वो आगे बढ़ती रहीं और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लता जी को सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का गौरव भी प्राप्त है। लता मंगेशकर के नाम 36 भाषाओं में गाने वाली पहली महिला गायिका बनने का रिकॉर्ड भी है।

लता बचपन में आर्थिक तंगी के कारण स्कूल नहीं जा पाती थीं, लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर लता ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी समेत 6 यूनिवर्सिटी से स्टैंडर्ड डिग्रियां हासिल की हैं। लता मंगेशकर को 'भारत रत्न', 'पद्म भूषण', 'पद्मविभूषण', 'दादा साहब फाल्के' पुरस्कार और दर्जनों पुरस्कारों सहित सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 

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