लिव इन रिलेशनशिप को गलत नहीं मानती: कृति सेनन
छोटे शहर की कहानियां खूब लिखी जा रही हैं और मुझे यह कहानियां बहुत पसंद भी आ रही हैं। मुझे लगता है छोटे शहर की कहानियों से सब लोग रिलेट करते हैं। मेरी परवरिश भी और मिडिल क्लास परिवार में हुई है, इसलिए उन सभी कहनियों से मन भी खुद को जोड़कर देख पाती हूं।'
मुंबई: लिव इन रिलेशनशिप और शादी के रिश्ते के बीच फैमिली ड्रामे की कहानी 'लुका छुपी' में लीड किरदार में नजर आने वाले अभिनेत्री कृति सेनन शादी से पहले लिव इन रिलेशनशिप को बिल्कुल भी गलत नहीं मानती हैं।
उनका कहना है कि शादी से पहले दो लोगों के बीच की अनुकूलता जानने का यह सबसे आसान तरीका है, अगर शादी के बाद रिश्ता ठीक नहीं चलता तो इंसान को ज्यादा तकलीफ होती है। इसलिए यदि कोई किसी से साथ सीरियस रिलेशन में है तो लिव इन के जरिए वह आपसी कम्पैटिबिलिटी चेक कर सकता है।
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कृति का कहना है, 'शादी प्रथा और लिव इन में... मैं सबसे ज्यादा शादी में विश्वास करती हूं, लेकिन मैं इस मामले में किसी और को जज नहीं करती हूं। लिव इन के मामले में हमारे देश में काफी लोग जज करने लगते हैं। लिव इन रिलेशनशिप को भी मैं गलत नहीं मानती क्योंकि कभी-कभी हम शादी के मामले में निश्चित नहीं होते हैं, जिस लड़के के साथ शादी होने वाली होती है, उसके साथ अपनी कम्पैटिबिलिटी देखना चाहते हैं, उस अवस्था में लोग लीन इन रिलेशनशिप का सहारा लेकर उस रिश्ते को समझना चाहते हैं।'
उनका कहना है, 'आमतौर पर हम जीवन में एक ही बार शादी करते हैं। मेरे हिसाब से यह पूरी तरह ठीक है। अगर आप किसी के साथ लाइफ बिताने के लिए पक्का निर्णय नहीं ले पा रहे हैं तो और पक्का निर्णय लेना चाहते हैं तो लिव इन रिलेशनशिप में रहना गलत नहीं है। अगर लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद भी आज सहज नहीं होते हैं तो मत करें शादी। रही बात लिव इन के बाद कुछ मर्यादाओं की तो आजकल लोग बिना शादी के मर्यादाओं को तोड़ा रहे हैं। लिव इन के दौरान पाटज़्नर की ऐसी आदतों के बारे में पता चलता है, जिसके बारे में डेट करते समय वह छुपा लेते हैं, लेकिन लिव इन के दौरान एक-दूसरे की सारी असली बातें आपके सामने होती हैं।'
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छोटे शहरों की पृष्टभूमि में बनी 'बरेली की बर्फी' से खूब सुर्खियों में रहीं कृति बताती हैं, 'अब तक मैंने फिल्म 'बरेली की बर्फी, 'अर्जुन पटियाला' और लुका छुपी' जैसी तीन ऐसी फिल्मों में काम कर लिया है, जो छोटे शहरों की कहानियां हैं। छोटे शहर की कहानियां खूब लिखी जा रही हैं और मुझे यह कहानियां बहुत पसंद भी आ रही हैं। मुझे लगता है छोटे शहर की कहानियों से सब लोग रिलेट करते हैं। मेरी परवरिश भी और मिडिल क्लास परिवार में हुई है, इसलिए उन सभी कहनियों से मन भी खुद को जोड़कर देख पाती हूं।'