OMG 2 Review: इस बार भी अक्षय कुमार का हुआ बंटाधार, फिल्म देखने के बाद कुछ ऐसा है दर्शकों का रिएक्शन
OMG 2 Review: अक्षय कुमार की फिल्म 'ओएमजी 2' अपने रिलीज से पहले विवादों में फंस गई है। इस बीच आज फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। आइए जानते हैं फिल्म देखने के बाद पब्लिक का क्या रिएक्शन है।
OMG 2 Review: पिछले काफी समय से अक्षय कुमार अपनी फिल्म 'ओएमजी 2' को लेकर चर्चा में बने हुए थे। फिल्म को लेकर काफी विवाद भी हो रहा है, लेकिन विवादों के बाद भी फिल्म अपने समय पर सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को लेकर दर्शकों में काफी ज्यादा क्रेज देखने को मिल रहा है और इस बाद का सबूत देश के सिनेमाघर हैं, जहां फिल्म को देखने के लिए फैंस की भीड़ लगी हुई है। आइए जानते हैं फिल्म का रिव्यू...
क्या है 'ओएमजी 2' की कहानी?
फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने शिव भक्त कांति शरण मुदगल का किरदार निभाया है, जो महाकाल मंदिर के पास पूजा सामग्री की दुकान चलाते हैं और एक सामान्य परिवार से हैं। उनके घर में उनकी पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं, जिनमें एक लड़का और एक लड़की है। यह एक हंसता-खेलता परिवार होता है, जिसकी जिंदगी एक घटना के बाद बदल जाती है। एक दिन कांति शरण को पता चलता है कि उसका बेटा विवेक अस्पताल में भर्ती है, जहां डॉक्टर और विवेक के दोस्ट कांति शरण को अपने बेटे की बुरी लत के बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल, विवेक को हस्तमैथुन करने की आदत हो जाती है। इस लत के कारण एक दिन विवेक को स्कूल से भी निकाल दिया जाता है, जिसके बाद कांति शरण के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है।
बेटे की इस हरकत के कारण कांति शरण के पूरे परिवार की बदनामी होने लगती है। परिवार का कहीं भी आना-जाना मुश्किल हो जाता है, जिससे परेशान होकर पूरा परिवार कहीं दूसरे शहर जाने के बारे में सोचता है, जहां रेलवे स्टेशन पर विवेक अपनी जान देने की कोशिश करता है और ट्रेन के आगे खुदकुशी करने की कोशिश करता है और तभी एंट्री होती है मानव वेष में शिव दूत बने अक्षय कुमार की।
इसके बाद शिव दूत हर कदम पर कांति शरण की मदद करते हैं। शिव दूत कांति शरण को बताते हैं कि सच को स्वीकार करे और उसके गलत के खिलाफ लड़ाई करे और फिर कांति शरण वापस जाकर स्कूल प्रबंधन और उसके बेटे को यौन शक्ति वर्धक के नाम पर भ्रामक दवाइयां देने वाले झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ केस कर देते हैं। इसके बाद फिल्म में कोर्ट रूम ड्रामा चलता है और इस दौरान क्या-क्या होता है यही फिल्म के आगे की कहानी है।
सेक्स एजूकेशन और A सर्टिफिकेट का द्वंद्व
फिल्म को सेंसर बोर्ड ने A सर्टिफिकेट दिया है, क्योंकि पूरी फिल्म सेक्स एजुकेशन पर आधारित है, जहां इस बात की लड़ाई लड़ी जाती है कि स्कूलों में यौन शिक्षा को शामिल करना चाहिए। यह पूरी फिल्म किशोर वर्ग को टारगेट करती है, लेकिन सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट देकर इसे उन्हीं वर्ग को देखने से वंचित कर दिया है। ऐसे में जो फिल्म का मकसद था, वो पूरा हो पाना बेहद मुश्किल है।
कैसी है एक्टिंग, राइटिंग और डायरेक्शन?
'ओएमजी 2' में कांति शरण बने पंकज त्रिपाठी ने अपनी सादगी भरे अभिनय से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। वहीं, सेक्स एजुकेशन को लेकर पंकज त्रिपाठी की वकालत काबिलेतारीफ है और शिव दूत बने अक्षय कुमार भोलेनाथ के रूप में काफी ज्यादा एंटरटेनिंग है। खासतौर पर जब वह तांडव करते दिखाई देते हैं। वहीं, वकील बनी कामिनी माहेश्वरी के किरदार में यामी गौतम ने भी काफी अच्छी एक्टिंग की है। डायरेक्शन की बात करें, तो अमित राय स्पष्टवादी फिल्म पेश करने में कभी फेल नहीं होते हैं और इस बार भी ऐसा ही हुआ है। कहानी और राइटिंग भी काफी ज्यादा लाजवाब है।
क्या देखनी चाहिए 'ओएमजी 2'?
फिल्म के गाने पहले से ही धूम मचा रहे हैं, लेकिन बात फिल्म की कहानी को हो तो यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए। क्योंकि कहानी में सेक्स एजुकेशन से लेकर कई अहम बातें कही गई है, जिसको लेकर हमारी सरकार और सिस्टम को जागरूक होना बहुत जरुरी है। भले फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिया गया हो, लेकिन इसे हर वर्ग के लोगों को देखना चाहिए।