प्रतिभा के धनी गिरीश कर्नाड का सबसे ज्यादा पसंदीदा काम था नाटक लिखना

बहुआयामी प्रतिभा के धनी गिरीश कर्नाड उत्कृष्ट अभिनेता, फिल्मकार, प्रकाशक भी थे लेकिन नाटक लिखना उन्हें सबसे ज्यादा पसंद था। कर्नाड का 81 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने कुछ साल पहले एक साक्षात्कार में अपनी पसंद का जिक्र किया था।

Update: 2019-06-10 11:16 GMT

मुंबई : बहुआयामी प्रतिभा के ध नी गिरीश कर्नाड उत्कृष्ट अभिनेता, फिल्मकार, प्रकाशक भी थे लेकिन नाटक लिखना उन्हें सबसे ज्यादा पसंद था। कर्नाड का 81 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने कुछ साल पहले एक साक्षात्कार में अपनी पसंद का जिक्र किया था।

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कर्नाड ने कहा था कि वह काफी खुशकिस्मत रहे हैं कि कई क्षेत्रों में उनका करियर रहा। वह अभिनेता, प्रकाशक और फिल्मकार भी हैं लेकिन वह इन सब क्षेत्रों में नहीं बल्कि नाटककार के तौर पर ज्यादा सहज होते हैं

कर्नाड का जन्म 1938 में मुंबई के पास माथेरान पर्वतीय क्षेत्र में हुआ था और उनका महाराष्ट्र से नाता बना रहा।

उनके पिता रघुनाथ कर्नाड पुणे के ससून अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी थे। गिरीश कर्नाड को पहले ताराबाई मोदक स्कूल और बाद में पुणे के मॉडर्न हाई स्कूल में दाखिला दिलाया गया था। अपनी मातृभाषा कन्नड़ होने के बावजूद उनके परिवार के सदस्य मराठी बोलते थे।

गिरीश कर्नाड ने अपने कॉलेज के दिनों में मराठी नाटकों में अभिनय किया।

कर्नाड आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई आ गए। बंबई विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग में 1958-59 के दौरान उनकी एमए की डिग्री के लिए उन्हें ‘‘दक्षिणा फैलो’’ के रूप में चुना गया।

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मुंबई में रहने के दौरान उन्होंने कई अंग्रेजी, मराठी और हिंदी में कई नाटक देखे।

(भाषा)

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