नोबल प्राइज विनर अमृत्य सेन पर बने बायोपिक की 10 जुलाई को कोलकाता में स्क्रीनिंग
नोबेल पुरस्कार विजेता अमृत्य सेन के ऊपर बने वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग 10 जुलाई को यहां उनकी मौजूदगी में होगी। निर्देशक सुमन घोष ने 15 सालों तक उनकी
कोलकाता: नोबेल पुरस्कार विजेता अमृत्य सेन के ऊपर बने वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग 10 जुलाई को यहां उनकी मौजूदगी में होगी। निर्देशक सुमन घोष ने 15 सालों तक उनकी गतिविधियों का फिल्मांकन कर इस वृत्तचित्र को तैयार किया है। वृत्तचित्र 'एन आरग्युमेंटेटिव इंडियन' में नोबेल विजेता अर्थशास्त्री के जीवन और काम को दर्शाया गया है।
घंटे भर के इस वृत्तचित्र की न्यूयॉर्क और लंदन में पहले ही स्क्रीनिंग हो चुकी है।
वृत्तचित्र में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शांति निकेतन में उनके बचपन के दिनों से लेकर कोलकाता (तब कलकत्ता) में उनके कॉलेज के दिनों और फिर अमेरिका व ब्रिटेन में उनके अकादमिक करियर को भी दिखाया गया है।
दर्शकों को इस वृत्तचित्र के जरिये अर्थव्यवस्था, दर्शन पर उनके विचार जानने के अतिरिक्त मौजूदा समय में दुनियाभर में राष्ट्रवाद के उभार और भारत में हिन्दुत्व की लहरों पर भी उनकी राय जानने को मिलेगी।
घोष ने कहा, "मैंने 2000/2001 के दौरान इस वृत्तचित्र की कल्पना की थी। मैंने अमृत्य सेन को एक ऐसे शख्स के रूप में जाना है, जिनकी बौद्धिक अभिव्यक्ति संस्कृत से लेकर आधुनिक राजनीतिक आंदोलनों तक है। आज की दुनिया में ऐसा सार्वभौमिक दृष्टिकोण मुश्किल है।"
स्क्रीनिंग के दौरान सेन और निर्देशक के बीच बातचीत का सत्र भी आयोजित होगा।