Sridevi Birthday Special: सुपरस्टार एक्ट्रेस, जिसकी खूबसूरती और अभिनय के दीवाने रहे लोग

Sridevi Birthday special: श्रीदेवी का जन्म (Sridevi birth place) तमिलनाडु, के शिवकाशी के पास मीनमपट्टी गाँव में हुआ था उनके पिता अय्यपन एक वकील थे, जबकि उनकी मां राजेश्वरी आंध्र प्रदेश के तिरुपति से थीं।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Monika
Update:2021-08-12 14:00 IST

अभिनेत्री श्रीदेवी (फोटो : सोशल मीडिया )

Sridevi Birthday special: श्रीदेवी अम्मा यांगर अय्यपन यानी बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस श्रीदेवी (Sridevi )लंबे समय तक लोगों के दिलों की धड़कन बनकर राज करने वाली अभिनेत्री। जिसका जन्म 13 अगस्त 1963 को हुआ था उनकी आज 57वीं जयंती है। उनकी डेथ को तीन साल बीत गए लेकिन आज भी यह अहसास होता है कि वह हमारे बीच मौजूद हैं। उनकी मौत आज भी एक रहस्य प्रतीत होती है।

श्रीदेवी का जन्म (Sridevi birth place) तमिलनाडु, के शिवकाशी के पास मीनमपट्टी गाँव में हुआ था उनके पिता अय्यपन एक वकील थे, जबकि उनकी मां राजेश्वरी आंध्र प्रदेश के तिरुपति से थीं। उनकी एक बहन और दो सौतेले भाई हैं। श्रीदेवी ने एक बार कहा था, "मैंने स्कूल और कॉलेज का जीवन खो दिया, क्योंकि मैं बहुत कम उम्र में फिल्म उद्योग में आ गयी और बिना अंतराल के काम किया जो मुझे बाल कलाकार से सीधे नायिका के रूप में ले गया। और कुछ सोचने का समय ही नहीं था। लेकिन जो भी मिला मैं इसके लिए आभारी हूं।

बाल कलाकार के रूप में करियर की शुरुआत  

अभिनेत्री ने गलत नहीं कहा था उन्होंने 1967 में तमिल फिल्म कंदन करुनाई में 4 साल की उम्र में एक बाल कलाकार (child artist)  के रूप में अपना करियर शुरू (Sridevi career ) किया। इसके बाद, उन्होंने थुनैवन में भूमिका निभाई। श्रीदेवी ने तेलुगु सिनेमा में एक बाल कलाकार के रूप में अपनी शुरुआत 1970 की फिल्म माँ नन्ना निर्दोशी से की। 1971 में मलयालम में पूमपट्टा फिल्म में बेबी श्रीदेवी के रूप में उनके प्रदर्शन ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का केरल राज्य फिल्म पुरस्कार दिलाया। कंदन करुणाई (1967), नाम नाडु (1969), प्रार्थनाई (1970), बाबू (1971), बड़ी पंथुलु (1972), बाला भारतम (1972), वसंत मालिगाई (1972) और भक्त कुंभारा (1974) एक बाल कलाकार के रूप में उनकी सबसे उल्लेखनीय फिल्में कही जा सकती हैं।

1972 में, श्रीदेवी ने के.एस.आर. दास द्वारा निर्देशित रानी मेरा नाम के साथ बॉलीवुड में एक बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की। उस समय वह लगभग नौ साल की थीं। इसके बाद वह फिल्म जूली में भी दिखाई दीं, जहां उन्होंने नायक लक्ष्मी की छोटी बहन की भूमिका निभाई। इस अभिनेत्री का ये सौभाग्य रहा कि उन्होंने जयललिता के साथ थिरुमंगलम, कंदन करुणाई और आदि पराशक्ति में अभिनय किया।

श्रीदेवी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

अभिनेत्री के रूप में करियर की शुरुआत  

एक बात पूरी तरह सच है कि श्रीदेवी के अभिनय में बड़ा योगदान उनके बाल कलाकार के रूप में किये गए काम का था क्योंकि वह इस किरदार से कभी मुक्त नहीं हो पाईं। उनकी खूबसूरती और बाल सुलभ मासूमियत लोगों को भा गई। इसके बाद तो उनका जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला। दक्षिण भारत की ये अभिनेत्री बॉलीवुड की सुपर स्टार बन गई।

हिंदी फिल्मों में अभिनेत्री के रूप में अपनी शुरुआत श्रीदेवी ने 1979 से फिल्म सोलवां सावन (Solva Sawan)  से की। इसके चार साल बाद आयी हिम्मतवाला जो कि तेलुगु फिल्म ओरुकी मोनागाडु की रीमेक थी इसमें श्रीदेवी को जितेंद्र के साथ लिया गया। यह फ़िल्म 1983 में रिलीज़ हुई जो साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली हिंदी फ़िल्मों में से एक बनी। इसने श्रीदेवी को बॉलीवुड में स्थापित कर दिया। "नैनों में सपना' गाने पर उनका डांस छा गया। इसके बाद उनकी फिल्म तोहफा भी 1984 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी।

जितेंद्र-श्रीदेवी (फोटो : सोशल मीडिया )

जितेंद्र-श्रीदेवी की हिट जोड़ी ने किए 16 फिल्में

इसके बाद जितेंद्र श्रीदेवी की हिट जोड़ी (Jitendra Sridevi Hit Jodi) ने एक साथ 16 फिल्में कीं, जिनमें हिम्मतवाला और तोहफा के अलावा जानी दोस्त, जस्टिस चौधरी, मवाली, अकलमंद, बलिदान, औलाद आदि रहीं। इसके अलावा सुहागन (1986), घर संसार (1986), धर्म अधिकारी (1986), सोने पे सुहागा (1988) सफल भी सफल रहीं लेकिन आग और शोला (1986), हिम्मत और मेहनत (1987), सरफरोश (1985) जैसी फिल्में फ्लॉप भी रहीं।

श्रीदेवी एक ऐसी अभिनेत्री रहीं जिसने धर्मेंद्र और उनके बेटे सनी देओल दोनों के लिए मुख्य भूमिका निभाई। इसके अलावा काका राजेश खन्ना के साथ नया कदम (1984), मकसद (1984), मास्टरजी (1985) और नज़राना (1987) जैसी फिल्मों में सफल जोड़ी बनाई थी। 1986 में नगीना आई, जिसमें श्रीदेवी ने एक आकार बदलने वाली महिला की भूमिका निभाई। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई। नगीना के अलावा, 1986 में श्रीदेवी ने सुभाष घई की मल्टी-स्टारर कर्मा और फ़िरोज़ खान की जांबाज़ में भी बॉक्स-ऑफिस पर हिट फ़िल्में दीं।

श्रीदेवी की आखिरी फिल्म 

1987 से 1997 तक का दशक श्रीदेवी के नाम रहा। इसके बाद लंबे समय तक गैप के बाद वह इंगलिश विंगलिश (English Vinglish) में आईं तो दर्शकों ने उन्हें हाथों हाथ लिय़ा। इसके बाद उनकी आखिरी फिल्म मॉम (Mom) चर्चा में रही।

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