सुनील दत्त Birthday Special: पढ़ें- संजय दत्त का अपने पिता से कैसा था रिश्ता?
सुनील दत्त का जीवन संधर्षों भरा था। पहले कैंसर से पत्नी नरगिस को खो दिया और बाद में बेटे संजय दत्त की बुरी आदतों के कारण परेशान रहते थे।
बॉलीवुड से राजनीति तक अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त का 6 जून को जन्मदिन है। सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1929 को पंजाब (तत्कालीन पाकिस्तान) के झेलम जिले के खुर्दी गांव में हुआ था। सुनील दत्त की उम्र जब पांच साल थी तभी उनके पिता का निधन हो गया था। 18 साल की उम्र में जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो वह अपने परिवार के साथ हिंदुस्तान चले आए। सुनील दत्त पहले हरियाणा के एक गांव मंडौली फिर लखनऊ और बाद में मुंबई में बस गए।
सुनील दत्त एक्टर बनने का सपना लिए 1955 में मुंबई आए। उनके माता-पिता ने उनका नाम बलराज दत्त रखा था। बलराज से सुनील बनने की कहानी भी बहुत दिलचस्प है। जब सुनील दत्त मुंबई आए तो उन दिनों बलराज साहनी फ़िल्म इंडस्ट्री में अभिनेता के रुप में स्थापित हो चुके थे। किसी ने कहा कि एक ही नाम वाले दो सितारे तो फिल्म इंडस्ट्री में चल नहीं सकते। इसे देखते हुए उन्होंने अपना नाम बलराज दत्त से बदलकर सुनील दत्त रख लिया। उनके जन्मदिन पर हम आपको बताएंगे सुनील दत्त और सुपरस्टार संजय दत्त के रिश्तों के बारे में कि कैसे था पिता-पुत्र का रिश्ता?
नरगिस से की शादी
'मदर इंडिया' में नरगिस और सुनील दत्त अहम रोल में थे। फिल्म की शूटिंग के दौरान एक हादसा हुआ। उस वक्त सुनील दत्त ने नरगिस को बचाया था। जिसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। 11 मार्च 1958 में सुनील दत्त और नरगिस ने शादी की। शादी के बाद नरगिस ने फिल्मों को अलविदा कह दिया। उनके तीन बच्चे संजय दत्त, प्रिया दत्त और नम्रता दत्त हुए। कला के क्षेत्र में सुनील दत्त के उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 1968 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। बाद में वह राजनीति में आए और पांच बार सांसद चुने गए। यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। सुनील दत्त का निधन 25 मई 2005 को हो गया था।
सुनील दत्त बेटे से रहे परेशान
सुनील दत्त का जीवन संधर्ष से भरा था। पहले कैंसर के चलते उन्होंने अपनी पत्नी नरगिस को खो दिया और बाद में बेटे संजय दत्त की बुरी आदतों के कारण परेशान रहते थे। संजय दत्त का 1993 के मुंबई बम धमाको में नाम आया था और उन्हें नशे की बुरी लत भी पड़ चुकी थी। जिस वजह से पिता सुनील दत्त को काफी परेशानियों को सामना पड़ा। अपने बेटे को ड्रग्स की लत छुड़ाने और पत्नी का इलाज कराने के लिए वो दो बार अमेरिका गए। इस दौरान वो बहुत परेशान रहे। उनकी मुसीबतें कभी कम नहीं हुईं। पत्नी के कैंसर और बेटे की ड्रग्स की लत ने उन्हें बहुत लाचार और दुखी कर दिया था। बेटे संजय दत्त को लाख समझाने के बाद भी जब उनकी नशे की बुरी आदत नहीं झूट रही थी तो सुनील दत्त परेशान होकर उनकी जूतों से जमकर पिटाई कर दी थी। कैंसर और ड्रग्स के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए उन्होंने दो बार मुंबई से चंडीगड तक पदयात्रा की।
मुंबई बम कांड में आया नाम
सुनील दत्त जहां बेहद शालीन व्यक्तित्व थे तो वहीं संजय दत्त की इमेज बैड ब्वॉय की बन गई। बाद में मुंबई बम ब्लास्ट केस में उनका नाम आने के बाद इस इमेज को और बढ़ावा ही मिला। मुंबई ब्लास्ट के बाद पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें संदिग्धों के नाम का खुलासा होने वाला था। पुलिस ने जैसे ही हनीफ और समीर का नाम लिया एक रिपोर्टर ने पूछा क्या इसमें संजय दत्त भी शामिल हैं। दरअसल, ये सवाल महज तुक्का था क्योंकि उस वक्त संजय दत्त हनीफ-समीर की प्रोड्यूस की हुई फिल्म कर रहे थे हालांकि सवाल के जवाब में पुलिस का रवैया टाल मटोल वाला ही रहा लेकिन मीडिया को बहुत बड़ी खबर लग गई थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अगले दिन सभी अखबारों के पहले पन्ने पर ये खबर छपी थी। संजय उस वक्त मॉरीशस में फिल्म आतिश की शूटिंग कर रहे थे। शूटिंग खत्म करने के बाद जब वो मुंबई लौटे एयरपोर्ट से सीधे मुंबई क्राइम ब्रांच ले जाया गया। शुरुआत में संजय दत्त ने सभी आरोपों से इनकार किया लेकिन जब हनीफ-समीर को सामने खड़ा कर दिया गया तो संजय दत्त के पास छिपाने के लिए कुछ बचा नहीं। उन्होंने कबूल कर लिया कि उनके पास एके 56 है। जिसके बाद संजय दत्त पर टाडा एक्ट लगाया गया। संजय दत्त समझ चुके थे कि ब्लास्ट केस में वो फंस चुके हैं।
सुनील दत्त को नहीं हुआ था यकीन
सुनील दत्त को अपने बेटे की इस करतूत पर एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ। पुलिस ने भले ही संजय दत्त की हरकतों के बारे में सुनील दत्त को बता दिया हो लेकिन वो अपने बेटे के मुंह से ये सब सुनना चाहते थे। संजय दत्त ने सुनील दत्त को बताया कि दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम ने उन्हें कुछ हथियार दिए थे। फिलहाल अवैध हथियार रखने के जुर्म में सजा काटने के बाद संजय दत्त फरवरी 2016 में जेल से रिहा हुए थे। निजी और पेशेवर जिंदगी में आए उतार-चढ़ावों के दौरान उनके पिता उनके साथ हमेशा मजबूती से खड़े रहे।
संजय दत्त पिता को हमेशा करते हैं याद
संजय दत्त कई बार अपने पिता सुनील दत्त से रिश्तों को लेकर बेबाकी से बोल चुके हैं। संजय दत्त के पिता से रिश्ते हमेशा अच्छे नहीं रहे। संजय कई मौकों पर अपने पिता को याद करते हुए कह चुके हैं कि आज मैं जो कुछ भी हूं, अपने पिता के कारण हूं। वे मेरी प्रेरणा हैं और मुझे प्रतिदिन उनकी याद आती है। उनके साथ मेरे रिश्ते हमेशा अच्छे नहीं रहे लेकिन वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। काश, वे मुझे आजाद देखने के लिए और मेरे सुंदर से परिवार को देखने के लिए यहां होते। उन्हें मुझ पर गर्व होता।
संजय दत्त ने की हैं तीन शादियां
बॉलीवुड के 'मुन्नाभाई' संजय दत्त ने तीन शादियां की हैं। उनकी पहली पत्नी ऋचा शर्मा, जबकि दूसरी रिया पिल्लई थीं। बाद में उन्होंने साल 2008 में मान्यता से शादी की। संजय दत्त ने 1987 में ऋचा शर्मा से शादी की थी, लेकिन 1996 में ब्रेन ट्यूमर की वजह से अमेरिका में उनकी मौत हो गई। इसके बाद संजय ने मॉडल रिया पिल्लई से शादी की लेकिन 2005 में दोनों का तलाक हो गया। बाद में 2008 में संजय ने मान्यता से शादी की। संजय दत्त की पहली पत्नी ऋचा शर्मा की बेटी त्रिशाला दत्त हैं। ऋचा के देहांत के बाद संजय जिंदगी में आगे बढ़े और उन्होंने रिया पिल्लई के बाद मान्यता दत्त से तीसरी शादी की। संजय और मान्यता की शादी के दो साल बाद मान्यता ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। इनमें लड़के का नाम शाहरान और लड़की का नाम इकरा रखा गया। संजय दत्त की जिंदगी पर एक फिल्म 'संजू' भी बनी है। जिसमें संजय दत्त की जिंदगी के हर पहलू को बहुत हीं बारिकी से दर्शाया गया है।
एक नजर सुनील दत्त की फिल्मों के नाम पर
No फिल्म साल
104- ओम शांति ओम 2007
103- लगे रहो मुन्ना भाई 2006
102- मुन्ना भाई MBBS 2003
101- फूल 1993
100- परम्परा 1993
99- क्षत्रिय 1993
98- विरोधी 1992
97- हाय मेरी जान 1991
96- प्रतिज्ञा वध 1991
95- कुर्बान 1991
94- ये आग कब बुझेगी 1991
93- धर्मयुद्ध 1988
92- वतन के रखवाले 1987
91- मंगल दादा 1986
90- काला धंधा गोरे लोग 1986
89- फासले 1985
88- राजतिलक 1984
87- यादों की जंजीर 1984
86- लैला 1984
85- दर्द का रिश्ता 1982
84- बदले की आग 1982
83- रॉकी 1981
82- इक गुनाह और सही 1980
81- गंगा और सूरज 1980
80- लहू पुकारेगा 1980
79- यारी-दुश्मनी 1980
78- शान 1980
77- सलाम मेमसाब 1979
76- अहिंसा 1979
75- जानी दुश्मन 1979
74- मुकाबला 1979
73- डाकू और जवान 1978
72- काला आदमी 1978
71- राम कसम 1978
70- आखिरी गोली 1977
69- चरनदास 1977
68- लड़की जवान हो गई 1977
67- पापी 1977
66- ज्ञानी जी 1977
65- दरिंदा 1977
64- नेहले पे देहला 1976
63- नागिन 1976
62- हिमालय से ऊंचा 1975
61- नीलिमा 1975
60- उम्रकैद 1975
59- जख्मी 1975
58- 36 घंटे 1974
57- दुख भंजन तेरा नाम 1974
56- प्राण जाए पर वजन ना जाए 1974
55- कोरा बदन 1974
54- गीता मेरा नाम 1974
53- हीरा 1973
52- मन जीते जग जीत 1973
51- जय ज्वाला 1972
50- जिंदगी-जिंदगी 1972
49- जमीन आसमान 1972
48- ज्वाला 1971
47- रेशमा और शेरा 1971
46- भाई-भाई 1970
45- दर्पण 1970
44- भाई बहन 1969
43- चिराग 1969
42- ज्लावा 1969
41- मेरी भाभी 1969
40- प्यासी शर्म 1969
39- गौरी 1968
38- पड़ोसन 1968
37- साधु और शैतान 1968
36- मेहरबान 1967
35- हमराज 1967
34- मिलन 1967
33- आम्रपाली 1966
32- गबन 1966
31- मैतीघर 1966
30- मेरा साया 1966
29- खानदान 1965
28- वक्त 1965
27- बेटी बेटा 1964
26- गजल 1964
25- यादें 1964
24- गुमराह 1963
23- मुझे जीने दो 1963
22- नर्तकी 1963
21- ये रिश्ते हैं प्यार के 1963
20- आज और कल 1963
19- झूला 1962
18- मैं चुप रहूंगी 1962
17- छाया 1961
16- दुनिया झूठी है 1960
15- एक फूल चार कांटे 1960
14- हम हिंदुस्तानी 1960
13- उसने कहा था 1960
12- सुजाता 1959
11- दीदी 1959
10- इंसान जाग उठा 1959
9- पोस्ट बॉक्स 999 1958
8- साधना 1958
7- पायल 1957
6- मदर इंडिया 1957
5- इक ही रास्ता 1956
4- किस्मत का खेल 1956
3- राजधानी 1956
2- कुंदन 1955
1- रेलवे प्लेटफार्म 1955