Bhushan Kumar को मिली बड़ी राहत, हटाए गए बलात्कार के आरोप, जानें पूरा मामला
Bhushan Kumar: 'टी-सीरीज' के मालिक भूषण कुमार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, भूषण पर लगे बलात्कार के आरोप रद्द कर दिए गए हैं।
Bhushan Kumar: टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार पर कुछ सालों पहले बलात्कार और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे और उनके खिलाफ इस मामले में केस भी दर्ज किया गया था, जिससे अब उन्हें राहत मिल गई है। जी हां...मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मुंबई पुलिस द्वारा दायर 'बी समरी रिपोर्ट' को स्वीकार कर लिया है, जिसके द्वारा वे उनके खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी के लिए दर्ज एफआईआर को बंद करने की मांग कर रहे थे।
भूषण कुमार को मिली बड़ी राहत
दरअसल, अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत ने 9 नवंबर, 2023 को रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिससे भूषण के खिलाफ एफआईआर समाप्त हो गई है। बता दें कि 'बी समरी' रिपोर्ट तब दायर की जाती है, जब पुलिस मामले को दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठा करार देती है या जब जांच के बाद आरोपी के खिलाफ कोई सबूत या प्रथम दृष्टया मामला नहीं होता है। बता दें कि ये मामला जुलाई 2021 का है, जहां डीएन नगर पुलिस ने कुमार के खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी। शिकायत के अनुसार, कुमार ने अपनी कंपनी में किसी प्रोजेक्ट पर नौकरी दिलाने के बहाने एक महिला से कथित तौर पर बलात्कार किया था।
भूषण पर दायर हुई 'बी-समरी' रिपोर्ट
जैसा कि हमने आपको बताया कि 'बी समरी' रिपोर्ट तब दायर की जाती है, जब पुलिस को मामले कोई सबूत नहीं मिलते हैं। ऐसे ही साल 2022 में पुलिस ने एक बी सारांश रिपोर्ट दायर की थी, जिसे शिकायतकर्ता के आचरण के आधार पर अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत ने खारिज कर दिया था। पीड़िता ने बाद में कहा था कि उसने "परिस्थितिजन्य गलतफहमी" के कारण कुमार के खिलाफ आरोप लगाए थे और वह उन्हें वापस ले रही है। उन्होंने बी-समरी रिपोर्ट के अनुमोदन पर भी अपनी अनापत्ति जताई थी।
भूषण कुमार ने खुद पर लगे आरोपों के खिलाफ लड़ी थी लड़ाई
मामला दर्ज होने पर भूषण कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। कुमार ने सहमति से एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुनवाई के दौरान कुमार की ओर से पेश वकील निरंजन मुंदारगी और चंदन सिंह शेखावत ने बताया कि रिट याचिका की लंबित सुनवाई अनावश्यक हो जाती है, मुंबई पुलिस की बी सारांश रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है। जस्टिस पीडी नाइक और एमआर बोरकर की पीठ ने इसे स्वीकार कर लिया और रिट याचिका का निपटारा कर दिया गया है।