मौत के बाद तन्ख्वाह: सिर्फ इस नौकरी में मिलती ये फैसिलिटी
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में Google कर्मचारियों को डेथ बेनेफिट मिलता है, जो इस बात की गारंटी देता है कि कर्मचारी के जीवित पति या पत्नी को अगले दशक तक हर साल उनके वेतन का 50% राशि मिलेगी।
लखनऊ: वैसे तो आजकल इंटरनेट के युग में शायद ही कोई ऐसा होगा जो गूगल बाबा को नहीं जानता होगा। गूगल बाबा यानि गूगल जी हां हम बात कर रहे हैं गूगल की। वैसे आज गूगल का 21वां जन्मदिन है। आज हम अपको बताने जा रहे हैं गूगल के बारे में ऐसी बातें जो शायद आप न ही जानते हों...
गूगल का नाम पहले था कुछ और
गूगल का नाम वास्तव में एक मैथमेटिकल टर्म से लिया गया है। जिसमें एक के आगे सौ शून्य लगे होते हैं। दरअसल, गूगल का नाम शुरुआत में कुछ और था। लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने 4 सितंबर 1998 को इसे शुरू किया था, तब इसका नाम 'Backrub' रखा गया था।
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गूगल कैम्पस में दिखती हैं बकरियां
गूगल के हेडक्वाटर में कई बार बकरियों को चरते देखा गया है। दरअसल, हरियाली को लेकर अपनी पहल के तहत, कंपनी समय-समय पर अपने लॉन में बकरियों को चरने की छूट देती है। कंपनी के कर्मचारियों का भी यह कहना है कि उन्होंने कई बार बकरियों को खिड़की के बाहर देखा है और यह नजारा बहुत सुकून देने वाला होता है।
ऐसे बना था पहला गूगल-डूडल:
गूगल पर पहली बार साल 1998 में 30 अगस्त को गूगल-डूडल लगाया गया था। दरअसल, लैरी और सर्गेई, नेवाड स्थित एक बर्निंग मैन फेस्टिवल में गए थे। उन्होंने बर्निंग मैन फेस्टिवल की फोटो होमपेज पर लगा दी, ताकि अपने यूजर्स को वह ये बता सकें कि वो दोनों ऑफिस में नहीं हैं और इस दौरान किसी प्रकार की टेक्निकल परेशानी होने पर वे उसे ठीक नहीं कर पाएंगे।
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बता दें कि लैरी और सर्गेई के निजी विमानों के पास नासा में रनवे हैं, जहां किसी अन्य विमान को उतरने की अनुमति नहीं है।
गलत स्पेलिंग लिखने पर भी खुलता है गूगल
वैसे तो गूगल (Google) की सही स्पेलिंग Google ही है. लेकिन अगर आप www.gooogle.com, www.gogle.com और www.googlr.com भी टाइप करते हैं तो भी गूगल की ही वेबसाइट खुलेगी। क्योंकि गूगल इसे भी ओन करता है।
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मरने के बाद भी गूगल देता है बेनेफिट
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में Google कर्मचारियों को डेथ बेनेफिट मिलता है, जो इस बात की गारंटी देता है कि कर्मचारी के जीवित पति या पत्नी को अगले दशक तक हर साल उनके वेतन का 50% राशि मिलेगी।