ये सुपर कंप्यूटर है कोरोना का काल, जानें कैसे करता है काम
अमेरिका और चीन से आगे निकला जापान। क्योंकि जापान में दुनिया का सबसे तेज सुपरकंप्यूटर बना है। इस सुपरकंप्यूटर का नाम( Fugaku) है जिसमें 48 कोर A64FX चिप लगा है। साथ ही यह दुनिया का पहला सुपरकंप्यूटर है जिसमें ARM प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है और इसे टॉप 500 की लिस्ट में जगह मिली है।
नई दिल्ली: अमेरिका और चीन से आगे निकला जापान। क्योंकि जापान में दुनिया का सबसे तेज सुपरकंप्यूटर बना है। इस सुपरकंप्यूटर का नाम( Fugaku) है जिसमें 48 कोर A64FX चिप लगा है। साथ ही यह दुनिया का पहला सुपरकंप्यूटर है जिसमें ARM प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है और इसे टॉप 500 की लिस्ट में जगह मिली है।
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आईबीएम को छोड़ा पीछे
इस कंप्यूटर का इस्तेमाल कोरोना वायरस से जुड़े रिसर्च के लिए किया जाएगा। ये जापान का है और हाल ही में इसने आईबीएम (IBM) के समिट सुपर कंप्यूटर को पीछे छोड़ कर नंबर-1 बन गया है। बता दें कि फुगाकु ( Fugaku )नाम का ये सुपर कंप्यूटर दुनिया सारे के सुपर कंप्यूटर्स से ज्यादा तेज है। टॉप-500 सुपर कंप्यूटर्स की लिस्ट में फुगाकु ( Fugaku ) पहले नंबर पर है। इसे जापान की कंपनी फ्यूजित्सू (Fujistu )और सरकारी रिसर्च इंस्टिट्यूट रीकेन (Riken) ने बनाया है।
फुगाकु टॉप-500 में मिली जगह
फुगाकु ( Fugaku ) सुपर कंप्यूटर 415.5 पेटाफ्लॉप्स का परिणाम दिया है जो कि आईबीएम के समिट (Summit) सुपरकंप्यूटर के मुकाबले 2.8 गुणा ज्यादा है। बता दें कि आईबीएम समित दुनिया का दूसरा सबसे सुपरकंप्यूटर है। आमतौर पर सुपरकंप्यूटर की लिस्ट में अमेरिका और चीन का ही दबदबा रहता है लेकिन इस बार जापान ने ये अपने अधिकार में कर लिया है। पिछले नौ सालों में फुगाकु ( Fugaku ) जापान का पहला सुपरकंप्यूटर है जिसे टॉप-500 में पहली जगह मिली है। फिलहाल एक्स्पेरिमेंटल तौर पर कोविड-19 से जुड़े रिसर्च के लिए इसका इस्तेमाल शुरू हैं।
एक कमरे के साइज का आकार
इस सुपर कंप्यूटर का आकार एक कमरे के साइज का है और फ्यूजित्सू (Fujistu) के साथ वहां की सरकारी इंस्टिट्यूट ने मिल कर करीब 6 साल में इसे बनाया है रीकेन Riken )सेंटर फॉर कंप्यूटेशनल साइंस के हेड ने कहा है कि कोविड-19 जैसे मुश्किल सोशल चैलेंज से निपटने में इसका बड़ा योगदान होगा।
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1,000 गुना ज्यादा तेज
ये आम कंप्यूटर्स के मुकाबले में 1,000 गुना ज्यादा फास्ट होते हैं। आम तौर पर सुपर कंप्यूटर्स को रिसर्च के लिए यूज किया जाता है। कंप्यूटेशनल साइंस से लेकर अलग अलग फील्ड में इसे रिसर्च के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इनमें क्वॉन्टम मैकेनिक्स, क्लाइमेट रिसर्च, वेदर फोरकास्ट, मॉलेक्यूलर मॉडलिंग और ऑएल या गैस एक्स्प्लोरेशन जैसे फील्ड शामिल हैं।
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