मोबाइल से करते हैं लेनदेन तो पढ़े ये जरूरी खबर,खाली हो जाएगा आपका एकाउंट

लोगों को ठगने के लिए जालसाज नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। हाल के कुछ महीनों में डिजिटल पेमेंट से जुड़े कई तरह के फर्जीवाड़े सामने आए हैं।

Update: 2019-11-11 12:09 GMT

लखनऊ: लोगों को ठगने के लिए जालसाज नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। हाल के कुछ महीनों में डिजिटल पेमेंट से जुड़े कई तरह के फर्जीवाड़े सामने आए हैं।

यहां हम आपको बता रहे हैं कि कैसे फरेबी इनको अंजाम देते हैं और किस तरह आप खुद को बचा सकते हैं। ऐसे हो रही है यूपीआई के जरिए हैकिंग।

यूपीआई के जरिए हैकिंग को करने के लिए हैकर्स आपके मोबाइल डिवाइस का बिना जानकारी के टीम व्यूवर और एनी डेस्क और थर्ड पार्टी एप की मदद से अनाधिकृत एक्सेस ले रहे है। इसके बारे में लोगों को पता नही चलता है और एप के द्वारा खाते में मौजूद रकम ट्रांसफर हो जाती है।

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इन तरीकों हो रही है मोबाइल फोन में हैकिंग

आपके पास फोन आएगा, जिसमें कॉल करने वाला व्यक्ति अपने को बैंक का अधिकारी बताएगा।

वो आपसे कहेगा कि वो मोबाइल बैंकिंग एप में आ रही दिक्कतों को सही करना चाह रहा है।

ग्राहक सेवा अधिकारी के बजाए वो अपने को बैंक शाखा का मैनेजर या फिर शिकायत अधिकारी कह सकता है।

अगर आपने बैंक में ऑनलाइन या फिर मोबाइल बैंकिंग की शिकायत दर्ज की है, तो ऐसा होने में आसानी है।

फ्रॉड करने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया या फिर बैंक के शिकायत डेस्क से आपका नंबर ले सकता है।

हैकर आपको ऊपर बताए गए किसी एक एप को डाउनलोड करने को कहेगा।

एप इंस्टॉल करने बाद वो कुछ डिजिट कोड को शेयर करने के लिए कहेगा।

कोड मिलने के बाद हैकर आपको कुछ परमिशन देने के लिए कहेगा।

जैसे ही आप परमिशन देंगे, हैकर का आपके मोबाइल फोन पर पूरी तरह से कंट्रोल हो जाएगा।

इसके बाद फोन से सारा बैंकिंग डाटा चोरी हो जाएगा।

हैकर आपको एक एसएमएस भेजकर इसको किसी मोबाइल नंबर पर भेजने के लिए कहेंगे।

जैसे ही आप मैसेज को फॉरवर्ड कर देंगे, हैकर आपके मोबाइल नंबर और यूपीआई को अपने मोबाइल डिवाइस पर ले लेगा।

इसके बाद हैकर डेबिट कार्ड नंबर, पिन, एक्सपायरी डेट, ओटीपी और एमपिन को भी सेट कर लेगा।

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यह भी हैं और तरीके

पब्लिक डिवाइस, ओपन नेटवर्क और फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल करने पर आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती हैं।

इनका इस्तेमाल करने पर आपकी निजी जानकारी लीक होने का खतरा रहता है और आपका बैंक खाता खाली हो सकता है।

आपको अपने बैंक खाते और नेट बैंकिंग की जानकारी फोन में सेव करके नहीं रखनी चाहिए।

अगर आप अपने फोन में बैंक खाता नंबर, पासवर्ड, एटीएम कार्ड या कोई अन्य जानकारी की तस्वीर रखते हैं तो आपकी जानकारी आसानी से लीक हो सकती है।

अपने नेट बैंकिंग का पासवर्ड, ओटीपी, पिन, कार्ड वेरिफिकेशन कोड और यूपीआई पिन को किसी के साथ साझा ना करें।

अगर आप अपना पासवर्ड भूल जाते हैं तो उसकी रिकवरी स्मार्ट तरीके से करें।

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