जानिए क्या है हुआवे मामला, अमेरिका देगा छूट

चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से दोनों देशों को अरबों का नुकसान हो रहा है तो अब इसकी वजह से हाई प्रोफाइल टेक कंपनी हुआवे मुश्किल में फंस गई है। इसके सितारे इस वक्त गर्दिश में नजर आ रहे हैं।

Update: 2019-05-22 11:29 GMT

न्यूयार्क: चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से दोनों देशों को अरबों का नुकसान हो रहा है तो अब इसकी वजह से हाई प्रोफाइल टेक कंपनी हुआवे मुश्किल में फंस गई है। इसके सितारे इस वक्त गर्दिश में नजर आ रहे हैं। खास कर कंपनी को अमेरिका में काफी सेटबैक मिल रहा है। अमेरिकी सरकार को आशंका है कि चीनी कंपनी हुआवे अमेरिका की जासूसी के लिए चीनी सरकार के एजेंट के तौर पर काम कर रही है। शायद यही वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हुआवे के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।

हुआवे का फोन इस्तेमाल करने वालों को गूगल ने बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी सरकार के हुआवे को ब्लैकलिस्ट करने के फैसले के बाद गूगल ने कंपनी के साथ अपना बिजनस सस्पेंड कर दिया है। साथ ही, हुआवे के ऐंड्रॉयड लाइसेंस को कैंसल कर दिया है। अब हुआवे की पहुंच गूगल के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और टेक्निकल सर्विसेज तक नहीं होगी।

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हालांकि अभी अमेरिका ने चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी हुआवे को काली सूची में डालने को लेकर मंगलवार को तीन माह की मोहलत दे दी है। अब देखना होगा कि क्या अमेरिका कंपनी को आगे कोई छूट देता है या नहीं।

गूगल का यह कदम सीधे तौर पर हुआवे के आने वाले स्मार्टफोन पर असर डालेगा। गूगल के एक प्रवक्ता ने एक स्टेटमेंट में कहा है, 'हम आदेश का पालन कर रहे हैं और इसे रिव्यू कर रहे हैं। गूगल प्ले प्रोटेक्ट और सिक्योरिटी प्रोटेक्शन हुआवे के मौजूदा स्मार्टफोन्स में दिए जाते रहेंगे'। लेकिन भविष्य में क्या होगा, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता।

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जो लोग अभी हुआवे के स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं, वे अपने ऐप्स अपडेट नहीं कर पाएंगे जो कि उनके लिए परेशानी का बड़ा सबब होगा, क्योंकि ऐप बड़ी तेजी से आउटडेटेड और असुरक्षित होंगे। हुआवे के मौजूदा यूजर्स को कुछ ऐप्स का करेंट वर्जन हमेशा के लिए इस्तेमाल करना पड़ सकता है। ऐप्स में कई बार बड़ी सिक्यॉरिटी खामियां आ जाती हैं, जिन्हें प्ले स्टोर में गूगल के अपडेट के जरिए फिक्स किया जाता है।

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