Haryana Congress: हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा की मुहिम से शैलजा परेशान, अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश

Haryana Congress: पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की मुहिम से परेशान हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-04-11 09:21 GMT

कुमारी शैलजा। (Social Media) 

Haryana: देश के विभिन्न राज्यों में कांग्रेस का सियासी संकट कम होता नहीं दिख रहा है। पंजाब कांग्रेस की गुटबाजी से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पहले से ही परेशान है और अब पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी कांग्रेस संकट में फंसती दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा (Former Chief Minister Bhupinder Singh Hooda) की मुहिम से परेशान हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा (State President Kumari Selja) ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। हुड्डा काफी दिनों से शैलजा को पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अभी तक इस मामले को टालता रहा है मगर अब यह मामला गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शैलजा अब अपने पद पर नहीं रहना चाहती हैं और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात के दौरान उन्होंने पद छोड़ने की इच्छा जताई है। शैलजा (State President Kumari Selja) को हरियाणा में बड़ा दलित चेहरा माना जाता रहा है और यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया है। माना जा रहा है कि हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी नेतृत्व नफा-नुकसान के आंकलन में जुटा हुआ है।

सोनिया गांधी को बताई अपनी मंशा

पंजाब (Punjab Congress) में हाल में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बड़ा बदलाव किया है। अमरिंदर सिंह बराड़ (राजा वडिंग) को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि बराड़ की नियुक्ति के बाद सिद्धू समर्थकों ने उनके खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है। पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी जल्द ही बदलाव की बयार बह सकती है।

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा (Former Chief Minister Bhupinder Singh Hooda) की ओर से लगातार किए जा रहे विरोध के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा (State President Kumari Selja) अपने पद पर रहने की इच्छुक नहीं हैं। हॉल में उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई है और जानकारों के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हुड्डा अपने खेमे से जुड़े किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं और इसी कारण उन्होंने शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

हुड्डा ने खोल रखा है मोर्चा

हुड्डा (Former Chief Minister Bhupinder Singh Hooda) लगातार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से प्रदेश संगठन में बदलाव की मांग करते रहे हैं। अब बात काफी बढ़ चुकी है और इसी कारण पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी जल्द से जल्द इस विवाद के निपटारे की कोशिश में जुट गया है। सोनिया ने इसी सिलसिले में शैलजा से चर्चा की है। हालांकि इस बातचीत के बारे में शैलजा और पार्टी के नेतृत्व की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है। शैलजा का आरोप है कि कांग्रेस का नेतृत्व उन्हें पूरी ताकत देने में नाकामयाब रहा है। इस कारण वे इच्छानुसार काम नहीं कर पा रही हैं।

शैलजा (State President Kumari Selja) को लेकर कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता उनका दलित समुदाय से जुड़ा होना है। दलित समुदाय से जुड़ी होने के साथ ही उनकी पहचान दमदार महिला नेता के रूप में भी है। इसी कारण नेतृत्व राज्य में बदलाव से अभी तक हिचकता रहा है। कुमारी शैलजा को हटाने पर कांग्रेस को इसके नतीजे भी भुगतने पड़ सकते हैं और यही कारण है कि कोई भी फैसला लेने से पहले नफा-नुकसान का गहराई से मूल्यांकन किया जा रहा है।

दलित चेहरा होने के कारण कांग्रेस सतर्क

दूसरी ओर भूपिंदर सिंह हुड्डा (Former Chief Minister Bhupinder Singh Hooda) की हरियाणा की सियासत पर मजबूत पकड़ मानी जाती है और उनकी पहचान ताकतवर जाट नेता के रूप में रही है। इसलिए कांग्रेस नेतृत्व उन्हें भी नाराज नहीं करना चाहता। हुड्डा काफी दिनों से शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। वे कांग्रेस संगठन में जाट नेताओं को जगह न दिए जाने पर अपनी नाराजगी जताते रहे हैं। वैसे शैलजा संगठन के कार्यक्रमों में काफी सक्रिय रहे हैं। दलित और महिला मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। ऐसे में कांग्रेस के दोनों गुटों को साधना शीर्ष नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

हाल में बसपा मुखिया मायावती (Mayawati) की ओर से कांग्रेस पर हमला किए जाने के कारण भी सतर्कता बरती जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने यूपी चुनावों में मायावती को मुख्यमंत्री बनाए जाने की पेशकश की चर्चा की थी जिस पर मायावती बिफर गईं। उन्होंने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए दलितों की उपेक्षा का बड़ा आरोप लगाया है। इसी कारण कांग्रेस नेतृत्व कुमारी शैलजा को लेकर काफी सतर्क रवैया अपना रहा है।

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