Haryana Election 2024 : हरियाणा में वोटिंग से ठीक पहले भाजपा को बड़ा झटका,अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी
Haryana Election 2024 : हरियाणा में चुनाव प्रचार थमने से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका लगा है।
Haryana Election 2024 : हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को होने वाले मतदान से ठीक पहले भाजपा को करारा झटका लगा है। मतदान से दो दिन पहले पूर्व सांसद और दलित नेता अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की महेंद्रगढ़ में आयोजित रैली के दौरान अशोक तंवर ने कांग्रेस में वापस लौटने में की घोषणा की।
अशोक तंवर हरियाणा में भाजपा की कैंपेन कमेटी के सदस्य और स्टार प्रचारक थे मगर मतदान से पहले उन्होंने पहले बदल दिया है। अशोक तंवर पूर्व में भी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं मगर कुछ मुद्दों को लेकर नाराजगी जताते हुए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अब उनकी एक बार फिर घर वापसी हो गई है। अशोक तंवर को हरियाणा में बड़ा दलित चेहरा माना जाता रहा है। ऐसे में उनकी कांग्रेस वापस में वापसी भाजपा के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।
भाजपा से इसलिए नाराज थे अशोक तंवर
अशोक तंवर ने इस साल जनवरी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पार्टी में शामिल कराया था। इसे भाजपा के लिए बड़ी कामयाबी माना गया था क्योंकि तंवर को बड़ा दलित नेता माना जाता रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने तंवर पर भरोसा जताते हुए उन्हें सिरसा से चुनाव मैदान में उतारा था। तंवर ने कांग्रेस की दिग्गज नेता कुमारी शैलजा को चुनौती दी थी मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
जानकार सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद अशोक तंवर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे मगर पार्टी की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया। पार्टी का टिकट पाने के लिए उन्होंने भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात भी की थी मगर उनकी मुराद पूरी नहीं हो सकी। वे इसे लेकर काफी नाराज चल रहे थे और वोटिंग से पहले उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला करके भाजपा को बड़ा झटका दे दिया है।
भाजपा के लिए क्यों माना जा रहा बड़ा झटका
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार दलित वोटों के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी जंग हो रही है। भाजपा कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाती रही है। कुमारी शैलजा की नाराजगी के समय भी पार्टी ने दलित बेटी के अपमान का आरोप लगाया था और उन्हें भाजपा में शामिल होने का ऑफर तक दिया था।
कुमारी शैलजा ने तो कांग्रेस छोड़कर किसी अन्य दल में जाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया मगर कांग्रेस ने अशोक तंवर को तोड़कर बड़ा सियासी खेल कर दिया है। हरियाणा में करीब 21 फ़ीसदी दलित मतदाताओं का रुख काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में अशोक तंवर के पार्टी छोड़ने हरियाणा में भाजपा के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस में वापसी
महेंद्रगढ़ जिले के बवानिया गांव में आज कांग्रेस की रैली के दौरान अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हुए। इस रैली के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। राहुल गांधी ने पटका पहनकर अशोक तंवर का स्वागत किया। इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे। अशोक तंवर सांसद और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
हुड्डा से तकरार के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले अशोक तंवर ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। 2022 में उन्होंने आप की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। बाद में उन्होंने आप से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी मगर अब वे एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौट आए हैं।
दलितों के हक की लड़ाई को मिलेगी मजबूती
कांग्रेस की ओर से अशोक तंवर के पार्टी में शामिल होने का स्वागत किया गया है। सोशल मीडिया पर पार्टी की पोस्ट में कहा गया है कि अशोक तंवर के कांग्रेस में शामिल होने से दलितों के हक की लड़ाई को मजबूती मिलेगी। तंवर हरियाणा में भाजपा की चुनाव अभियान समिति के सदस्य और स्टार प्रचारक थे। अब यह देखने वाली बात होगी कि उनके कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को दलित मतदाताओं का समर्थन पाने में कहां तक कामयाबी मिलती है।