Nuh Violence Case: नूंह में इंटरनेट चालू, कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी के बाद कर दिया था बंद, आज होगी पेशी

Nuh Violence Case: विधायक मामन खान को नूंह जिला अदालत ने शुक्रवार को दो दिन के पुलिस रिमांड में भेजा था, जो आज खत्म हो रहा है। इसलिए पुलिस आज उन्हें एकबार फिर कोर्ट में पेश करेगी।

Update:2023-09-17 12:03 IST

कांग्रेस विधायक मामन खान (सोशल मीडिया)

Nuh Violence Case: हरियाणा के मेवात रीजन में पड़ने वाला मुस्लिम आबादी बहुल जिला नूंह में इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन के आदेश पर देर रात 12 बजे से इंटरनेट सर्विस चालू कर दी गई है। बीते शुक्रवार को फिरोजपुर झिरका सीट से कांग्रेस विधायक मामन खान को पुलिस ने नूंह दंगे के मामले में गिरफ्तार कर लिया था।

खान के प्रभाव को देखते हुए क्षेत्र में अशांति पैदा होने का खतरा था, लिहाजा प्रशासन ने इंटरनेट सर्विस को जाम करवा दिया। दो दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं। हालात नियंत्रण में होने के बाद फिर से नेट सर्विस को बहाल कर दिया गया। कांग्रेस विधायक मामन खान को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया था।

मामन खान की आज होगी पेशी

विधायक मामन खान को नूंह जिला अदालत ने शुक्रवार को दो दिन के पुलिस रिमांड में भेजा था, जो आज खत्म हो रहा है। इसलिए पुलिस आज उन्हें एकबार फिर कोर्ट में पेश करेगी। नूंह पुलिस कांग्रेस विधायक को फिर से रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। दरअसल, मामन खान ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन अदालत ने उन्हें राहत देने से साफ मना कर दिया। उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से कहा था कि अगर आप को राहत चाहिए तो निचली अदालत में जाएं। इस मामले में अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी।

आरोपों को खारिज कर रहे कांग्रेस विधायक

नूंह सांप्रदायिक दंगे को लेकर कांग्रेस विधायक मामन खान शुरू से विवादों में रहे हैं। उनके एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वे कथित तौर पर लोगों को उकसा रहे थे। हालांकि, न्यूजट्रैक वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इसके अलावा इस मामले में एक अन्य आरोपी मोनू मानेसर ने भी खान पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नूंह पुलिस का मानना है कि हिंसा के दौरान कांग्रेस विधायक मामन खान भले घटनास्थल पर मौजूद न हों लेकिन हिंसा को भड़काने और भीड़ को उग्र करने में उनका हाथ हो सकता है। इस पर मामन खान का कहना है कि वह हिंसा से कुछ दिन पहले तक वहां नहीं गए थे। जबकि पुलिस का कहना है कि कांग्रेस विधायक के मोबाइल का लोकेशन 29 और 30 जुलाई को हिंसा स्थल से डेढ़ किमी के रेंज में मिली है।

ब्रजमंडल यात्रा के दौरान भड़की थी हिंसा

31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा नूंह जिले में ब्रजमंडल शोभायात्रा निकाली गई थी। जिस पर दूसरे समुदाय के उपद्रवी तत्वों द्वारा पत्थर बरसाने पर हिंसा भड़क गई। देखते ही देखते हिंसा नूंह से निकलकर आसपास के जिलों में गुरूग्राम तक फैल गई। इस हिंसा में कई दुकानों में तोड़फोड़ की गईं। 100 से अधिक गाड़ियों को जला दिया गया। सांप्रदायिक हिंसा के इस आग में दो होमगार्ड जवान समेत 6 लोगों की जान चली गई थी। 

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