Haryana: गुरुग्राम स्थित किंगडम ऑफ ड्रीम्स सील, जानें क्या है मामला

Haryana: शुक्रवार को गुरुग्राम के प्रशासनिक अधिकारियों की भारी-भरकम मौजूदगी में मनोरंजन पार्क किंगडम ऑफ ड्रीम्स को सील कर दिया गया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-15 16:37 IST

मनोरंजन पार्क किंगडम ऑफ ड्रीम्स| (Social Media) 

Haryana: गुरूग्राम के सेक्टर – 29 स्थित विवादित मनोरंजन पार्क किंगडम ऑफ ड्रीम्स (Park Kingdom Of Dreams) एकबार फिर खबरों में है। शुक्रवार को गुरूग्राम के प्रशासनिक अधिकारियों की भारी-भरकम मौजूदगी में इस मनोरंजन पार्क को सील कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (Haryana Urban Development Authority) ने ये कार्रवाई की है। दरअसल ये मनोरंजन पार्क दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के सबसे पसंदीदा जगहों में था। लोग अक्सर खाली समय में अपना मन बहलाने के लिए इस पार्क की ओर रूख किया करते हैं।

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण ने बकाया धनराशि का पेमेंट न करने का लगाया आरोप

जानकारी के मुताबिक, पर्यटकों के साथ ही दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में रहने वाले लोगों के बीच भी आकर्षण का केंद्र रहे किंगडम ऑफ ड्रीम्स Haryana Urban Development Authority पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण (Haryana Urban Development Authority) की बकाया धनराशि का पेमेंट न करने का आरोप है। बताया जाता है कि प्राधिकरण की तरह से बीते कुछ साल में कई बार किंगडम ऑफ ड्रीम्स के मैनेजमेंट को नोटिस जारी की गई थी।

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (Haryana Urban Development Authority) की ओर से किंगडम ऑफ ड्रीम्स (kingdom of dreams) के मैनेजमेंट को नोटिस जारी कर बकाया राशि का पेमेंट करने के लिए कहा गया। नोटिस के बावजूद मनोरजंन पार्क के प्रबंधन द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया। प्राधिकारण की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, किंगडम ऑफ ड्रीम्स पर करीब 100 करोड़ रूपये की धनराशि बकाया है।

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने कई बार नोटिस किया जारी

बकाया राशि के भुगतान के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण की तरफ से कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन किंगडम ऑफ ड्रीम्स के मैनेजमेंट ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। अंत में प्राधिकरण ने सीलिंग की कार्रवाई की।

बता दें कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण और किंगडम ऑफ ड्रीम्स के बीच ये कोई पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भी साल 2018 में जब केओडी के प्रबंधन ने 150 करोड़ रूपये का किराया नहीं चुकाया था, तब प्रदेश सरकार ने पार्क का लीज ही रद्द कर दिया था। इस पार्क की नीलामी कराने तक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। 

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