हरियाणा में राहुल की पहल ने बढ़ाई कांग्रेस की मुसीबत,AAP से दोस्ती पर पार्टी में घमासान, हुड्डा खेमा कर रहा तीखा विरोध

Haryana Assembly Election 2024: राज्य में आम आदमी पार्टी से गठबंधन की पहल के बाद कांग्रेस में जबर्दस्त असंतोष उभर गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा में आप के साथ गठबंधन पर जोर दिया था

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-09-06 04:34 GMT

Haryana Assembly Election 2024  ( Pic- Social- Media)

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार से नामांकन दाखिल करने की शुरुआत हो गई है मगर कांग्रेस की अभी तक कोई सूची घोषित नहीं की गई है। राज्य में आम आदमी पार्टी से गठबंधन की पहल के बाद कांग्रेस में जबर्दस्त असंतोष उभर गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा में आप के साथ गठबंधन पर जोर दिया था जिसके बाद दोनों दलों के नेताओं के बीच चर्चाओं का दौर चल रहा है।

हरियाणा में आप से गठबंधन के मुद्दे पर राज्य में कांग्रेस में सबसे ताकतवर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खेमा काफी नाराज है। हुड्डा पहले से ही राज्य में अपने दम पर चुनाव लड़ने की वकालत करते रहे हैं। हुड्डा के अलावा हरियाणा कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी आप के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है। हुड्डा खेमे से जुड़े कई नेताओं के टिकट कटने की खबरों को लेकर भी पार्टी में जबर्दस्त बेचैनी दिख रही है। कांग्रेस की सूची आने के बाद यह खींचतान और बढ़ सकती है।

बैठक छोड़कर चले गए हुड्डा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था कांग्रेस ने नौ सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि आप को कुरुक्षेत्र की सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अब विधानसभा चुनाव के दौरान भी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर जोर दिया है मगर आप के साथ सीट बंटवारे पर पार्टी में आम सहमति बनती नहीं दिख रही है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस पहल से खासे नाराज दिख रहे हैं। उनकी नाराजगी की इस हद तक बढ़ चुकी है कि आप के साथ गठबंधन के सिलसिले में आयोजित एक बैठक के दौरान वे बैठक छोड़कर चले गए।आप के साथ सीट शेयरिंग का प्रस्ताव रखे जाने पर हुड्डा के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान सिंह ने भी बैठक छोड़ दी। इससे हरियाणा के कांग्रेस नेताओं की नाराजगी को साफ तौर पर समझा जा सकता है।

आप और सपा के साथ गठबंधन का तीखा विरोध

जानकारों के मुताबिक आप की ओर से जिन सीटों की मांग की जा रही है,उन सीटों पर हुड्डा खेमे से जुड़े हुए नेता टिकट के प्रबल दावेदार हैं। इन सीटों में पेहोवा, कलायत और जींद शामिल हैं। हुड्डा के इन करीबी नेताओं ने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों की एकता का संदेश देने के लिए हरियाणा में गठबंधन की वकालत कर रहे हैं मगर पार्टी में ही इसका तीखा विरोध किया जा रहा है।

राहुल गांधी समाजवादी पार्टी को भी हरियाणा में कुछ सीटें देना चाहते हैं मगर हुड्डा और उनके करीबी नेता इसके लिए भी तैयार नहीं है। उनकी दलील है कि हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में हवा चल रही है और पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने में पूरी तरह सक्षम है।

प्रदेश प्रभारी भी हुड्डा को समझाने में नाकाम

हरियाणा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान सिंह को समझाने की कोशिश की है मगर दोनों नेता अभी भी पार्टी हाईकमान की बात मानने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। दोनों नेताओं ने आप और सपा के साथ गठबंधन के हाईकमान के प्रस्ताव पर तीखी आपत्ति जताई है। इस खींचतान के चलते पार्टी अभी तक हरियाणा में एक भी सूची नहीं जारी कर सकी है जबकि भाजपा की ओर से 67 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा चुके हैं।

हुड्डा के कई समर्थकों का टिकट कटने का संकेत

पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस ने भी अपनी पहली सूची को अंतिम रूप दे दिया है और जल्दी ही उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे मगर बाद में कुछ नामों को लेकर सूची का ऐलान नहीं किया गया। जानकार सूत्रों के मुताबिक जिन विधायकों की उम्मीदवारी रोकी गई है, उनमें समालखा से धर्म सिंह छोकर, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार और महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह शामिल हैं।

मजे की बात यह है कि इन सभी को हुड्डा का करीबी माना जाता है। इन सभी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जांच पड़ताल की जा रही है। अपने समर्थकों का टिकट कटने की खबरों को लेकर भी हुड्डा नाराज बताए जा रहे हैं।

कुछ सीटों पर हो सकता है दोस्ताना मुकाबला

हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 28 विधायक हैं। इस बार कांग्रेस हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाना चाहती है। आप की ओर से राज्य में 10 सीटों की डिमांड की गई है मगर कांग्रेस से 4-5 से अधिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। इन सीटों को लेकर भी पार्टी में घमासान छिड़ा हुआ है।

ऐसे में माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस हाईकमान ने गठबंधन का आखिरी फैसला ले लिया तो कुछ सीटों पर कांग्रेस और आप के बीच दोस्ताना मुकाबले हो सकता है।जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस ने नेशनल कान्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है मगर कुछ सीटों पर दोनों दलों के बीच दोस्ताना मुकाबला हो रहा है। यही फॉर्मूला हरियाणा में भी लागू किया जा सकता है। हाईकमान की ओर से गठबंधन का दबाव बनाए जाने पर हुड्डा खेमे की प्रतिक्रिया पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं।

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