PM मोदी के भाषण की 10 अहम बातें AI, गिग वर्कर्स, नेहरू से जुड़े कई मुद्दों का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर दिया। इस दौरान उन्होंने देश के विकास के मुद्दे पर प्रकाश डाला और विपक्ष पर तीखे प्रहार भी किए।;
PM Modi Speech in Lok Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि 14वीं बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेने को वह अपना सौभाग्य मानते हैं और इसके लिए जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हम 2025 में हैं और 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा बीत चुका है। समय तय करेगा कि इसमें क्या हुआ, कैसे हुआ।" पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के संबोधन को एक नए भारत के लिए आत्मविश्वास और संकल्प का प्रतीक बताया, जो जनसामान्य को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने नारे नहीं दिए, बल्कि गरीबों की सच्ची सेवा की है, जबकि पांच दशकों तक झूठे नारे दिए गए। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कुछ लोगों को इस सच्चाई को समझने का जज्बा नहीं है।
प्रधानमंत्री ने अपने 96 मिनट के संबोधन में ओबीसी समाज को संवैधानिक दर्जा देने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे ऐतिहासिक फैसलों का उल्लेख किया। साथ ही, उन्होंने विदेश नीति पर चर्चा करते हुए JFKS Forgotten Crisis किताब पढ़ने की सलाह दी, जिससे लोग समझ सकें कि भारत की विदेश नीति किन चुनौतियों से गुजरी है। इस रिपोर्ट में जानिए, पीएम मोदी के भाषण की 10 सबसे अहम बातें।
1. गरीबों के लिए काम किया, झूठे नारे नहीं दिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने नारे नहीं दिए, गरीबों की सच्ची सेवा की। पांच-पांच दशक तक झूठे नारे दिए गए। मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते। इसे समझने के लिए जज्बा चाहिए। मोदी को बहुत दुख के साथ कहना है कि कुछ लोगों के पास ये है ही नहीं।
2.PM मोदी का राहुल गांधी पर तंज, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ नेताओं का ध्यान अपने घरों के स्टाइलिश बाथरूम पर है, जबकि हमारा फोकस हर घर तक नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल मुहैया कराया गया है। हमारा ध्यान गरीबों के घर बनाने पर है। जो लोग गरीबों की झोपड़ी में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबों की समस्याएं बोरिंग ही लगती हैं। समस्या को पहचानकर उसका समाधान करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि पहले एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक 15 पैसे पहुंचते थे। उस समय एक ही पार्टी का राज था और प्रधानमंत्री ने यह सार्वजनिक रूप से कहा था। हमारी सरकार ने जनता के पैसे का सही उपयोग किया और डीबीटी के माध्यम से 40 करोड़ रुपये सीधे जनता के खाते में भेजे।
3.2014 से पहले देशवासियों का जीवन छलनी था, हमने घाव भरे, पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 सालों में इनकम टैक्स कम करके मिडिल क्लास की बचत बढ़ाने का काम किया गया है। 2014 से पहले देशवासियों पर ऐसे आर्थिक बोझ डाले गए कि उनका जीवन प्रभावित हुआ। पहले 2 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स माफी थी, अब 12 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता। हमने बीच के कालखंड में भी लगातार ये किया है। घाव भरते गए अब बैंडेज बाकी था वो भी कर लिया।
4.पीएम मोदी का AI और टिंकरिंग लैब्स पर जोर, पीएम मोदी ने संसद में कहा, हमने न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को खोल दिया है, और इसके दूरगामी सकारात्मक प्रभाव जल्द ही देश को मिलेंगे। AI, 3D प्रिंटिंग और वर्चुअल रियलिटी पर चर्चा के बीच हम गेमिंग में भी प्रयास कर रहे हैं, और हमारे लोग तेजी से काम कर रहे हैं। जब AI की बात होती है, तो कुछ लोग इसे फैशन के तौर पर अपनाते हैं, लेकिन मेरे लिए यह डबल AI है - एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरा एक्सप्रेशनल इंडिया। हमने स्कूलों में 10 हजार टिंकरिंग लैब शुरू की हैं, और आज इन लैबों से निकले बच्चे रोबोटिक्स में माहिर होकर लोगों को चकित कर रहे हैं। बजट में 50 हजार नई टिंकरिंग लैब्स बनाने का ऐलान किया गया है।
5. राहुल गांधी के 'इंडियन स्टेट' वाले बयान पर पीएम मोदी ने बोला हमला, पीएम मोदी ने कहा, दिल्ली में कुछ परिवारों ने अपने म्यूजियम बनाए थे, जबकि हमने पीएम म्यूजियम स्थापित किया। हम संविधान को सर्वोपरि मानते हैं और जहर की राजनीति नहीं करते। हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाते हैं। अफसोस की बात है कि कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा बोलते हैं। वे न संविधान की भावना समझ सकते हैं, न देश की एकता। सात दशक तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को संविधान के अधिकारों से वंचित रखा गया, जो संविधान और वहां के लोगों के साथ अन्याय था। हमने आर्टिकल 370 की दीवार गिरा दी, अब वहां के लोगों को वो अधिकार मिल रहे हैं जो बाकी देशवासियों के हैं।
6.जाति की बातें करना कुछ लोगों के लिये फैशन, मोदी ने कहा, कुछ लोगों के लिए जाति पर बात करना फैशन बन गया है। पिछले 30 वर्षों से ओबीसी सांसद ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे, लेकिन जिन लोगों को आज जातिवाद से लाभ होता है, उन्होंने तब ओबीसी समुदाय के बारे में नहीं सोचा। हमने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और एससी, एसटी, ओबीसी को हर क्षेत्र में अधिक अवसर देने के लिए दृढ़ कदम उठाए। मैं सदन के माध्यम से नागरिकों से एक सवाल पूछता हूं - क्या कभी एससी समुदाय के एक ही परिवार से एक साथ 3 सांसद हुए हैं? और क्या कभी एसटी समुदाय के एक ही परिवार से 3 सांसद एक साथ हुए हैं? यह दिखाता है कि कुछ लोगों की कथनी और करनी में बहुत अंतर है।
7.नेहरू के दौर में विदेश नीति के नाम पर खेल हुआ, पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की भावना है कि सभी को बेहतर स्वास्थ्य मिले, लेकिन कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ के कारण गरीबों और बुजुर्गों को आरोग्य सेवा में अड़ंगे डाल रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत 30,000 से अधिक अच्छे अस्पताल जुड़े हैं। विदेश नीति पर चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि कुछ लोग विदेश नीति की आलोचना करते हैं, लेकिन सही जानकारी के लिए जॉन एफ कैनेडी और पंडित नेहरू की बातचीत की किताब पढ़ें। जब देश चुनौतियों से जूझ रहा था तब विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था, इस किताब के माध्यम से अब सामने आ रहा है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया, भारत महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहा है। सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं का सामर्थ्य बढ़ा है, और अब तक सवा करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। सरकार का लक्ष्य तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है।
8. तुष्टिकरण की बजाय संतुष्टिकरण का रास्ता अपनाया, बोले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संविधान का सम्मान करते हुए मुस्लिम महिलाओं के लिए ट्रिपल तलाक खत्म किया, उन्हें समान अधिकार दिए। एनडीए सरकार ने विभिन्न वर्गों के लिए मंत्रालय बनाए, जैसे आदिवासी, पूर्वोत्तर और मत्स्य मंत्रालय। उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और एससी, एसटी, ओबीसी के लिए अधिक अवसर बढ़ाए। पीएम मोदी ने सवाल किया कि क्या कभी संसद में एक ही परिवार से तीन एससी या एसटी सांसद हुए हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाकर एससी, एसटी छात्रों के लिए अवसर बढ़ाए, जिससे डॉक्टरों की संख्या 10 साल में कई गुना बढ़ी। उन्होंने बताया कि हर योजना शत प्रतिशत लागू हो, जिससे किसी को भी उसका हक मिले। पीएम ने तुष्टिकरण की बजाय संतुष्टिकरण का रास्ता अपनाया, जो सामाजिक न्याय और संविधान का सम्मान है।
9.देश में 1 करोड़ गीग वर्कर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम तेजी से अर्बनाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं और इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास जरूरी है। उन्होंने केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत का उल्लेख किया और कहा कि भारत का फूड पैकेट हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचना चाहिए। पीएम ने गीग इकोनॉमी की बढ़ती भूमिका का जिक्र करते हुए बताया कि देश में 1 करोड़ गीग वर्कर्स हैं और उन्हें ई श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने एमएसएमई सेक्टर के महत्व को भी बताया और कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम योगदान दे रहा है।
10.PM ने देश की जनता का किया आभार व्यक्त, पीएम मोदी ने देश की जनता का आभार व्यक्त करते हुये कहा, मैं बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि देश की जनता ने मुझे 14वीं बार राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देने का अवसर दिया है।इसलिए मैं आदरपूर्वक देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूँ।