Mahadev App Blocked: महादेव ऐप समेत 22 अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्म ब्लॉक किये गए

Mahadev App Scam: केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किए हैं। इन ऐप्स में महादेव बुक और रेड्डीअन्नाप्रेस्टोप्रो भी शामिल हैं। ये दोनों ऐप चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में राजनीतिक विवाद के केंद्र में हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-11-05 23:27 IST

महादेव ऐप समेत 22 अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्म ब्लॉक किये गए: Photo- Social Media

Mahadev App blocked: केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किए हैं। इन ऐप्स में महादेव बुक और रेड्डीअन्नाप्रेस्टोप्रो भी शामिल हैं। ये दोनों ऐप चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में राजनीतिक विवाद के केंद्र में हैं।

यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई, जिसमें ऐप के कथित गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ है। ईडी के अनुरोध पर ब्लॉकिंग की कार्रवाई की गई है।

वेबसाइट या एप्लिकेशन को ब्लॉक करने का अधिकार

केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत ब्लॉकिंग आदेश जारी किए हैं। यह धारा सरकार को किसी भी वेबसाइट या एप्लिकेशन को ब्लॉक करने का अधिकार देती है जो किसी भी ऐसी गतिविधि में लगी हुई है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, सुरक्षा, राज्य, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक है।

महादेव बुक के मालिक वर्तमान में हिरासत में हैं, उन्हें कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि फोरेंसिक विश्लेषण और एक 'कैश कूरियर' द्वारा दिए गए बयान से महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का "चौंकाने वाला आरोप" सामने आया है।

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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार अवैध ऐप और वेबसाइट को बहुत पहले ही बंद कर सकती थी। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और राज्य सरकार द्वारा केंद्र से ऐसा कोई अनुरोध भी नहीं किया गया है, जबकि वे पिछले 1.5 वर्षों से इसकी जाँच कर रहे हैं। दरअसल, ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और उस पर कार्रवाई की गई है। चन्द्रशेखर ने बयान में कहा, छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह का अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका।'

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