Sanjay Singh: संजय सिंह की याचिका पर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा समय, AAP सांसद पर दर्ज है राजद्रोह का मुकदमा
Sanjay Singh: संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश में भी कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें राजद्रोह का केस भी चल रहा है। आप सांसद ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इस रद्द करने की मांग की।
Sanjay Singh: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह इन दिनों कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। दिल्ली के चर्चित आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें अक्टूबर में गिरफ्तार कर लिया था, तब से वो सलाखों के पीछे हैं। सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश में भी कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें राजद्रोह का केस भी चल रहा है। आप सांसद ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इस रद्द करने की मांग की।
संजय सिंह की याचिका पर आज यानी सोमवार 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उनकी इस याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए यूपी सरकार ने दो हफ्ते का समय मांगा है, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है। अब कोर्ट दो हफ्ते के बाद इस मामले की सुनवाई करेगा। बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने संजय सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
क्या है पूरा मामला ?
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के विरूद्ध राजधानी लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में 2 सितंबर 2020 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में इसमें आईपीसी की धारा 124 ए (राजद्रोह) का मुकदमा भी जोड़ दिया गया। एफआईआर के मुताबिक, एक सितंबर 2020 को सोशल मीडिया पर एक मोबाइल नंबर से एक कॉल रिकॉर्ड शेयर की जा रही थी। पुलिस का आरोप है कि इस कॉल रिकॉर्ड में समुदायों को बांटने वाली बात कही जा रही थी।
संजय सिंह ने तब अपने ऊपर दर्ज हुए इस केस को लेकर कहा था कि मैंने ब्राह्मणों और दलितों के खिलाफ हो रही हिंसा और अत्याचार के विरूद्ध आवाज उठाई तो मेरे ऊपर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया था। कोरोना महामारी के दौरान कोविड किट के खरीद में हुए भ्रष्टाचार की बात उजागर कर मैंने योगी सरकार को बेनकाब कर दिया। इसलिए अब वो मुझे जेल भेजना चाहते हैं।